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2027 में Yogi Adityanath के इस दांव से अखिलेश-मायावती की बढ़ेगी टेंशन, ये रणनीति बनेंगी जीत की गारंटी ?

Yogi Adityanath

ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने 2027 विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने प्रयागराज कुंभ के सफाई कर्मियों को 10,000 रुपये बोनस देने और अप्रैल से पूरे प्रदेश के सफाई कर्मियों को 16,000 रुपये का न्यूनतम वेतन देने की घोषणा की है। इसके अलावा, इन कर्मियों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा भी मिलेगा। यह कदम बीजेपी को 2027 के चुनाव में एक बड़ा फायदा दिला सकता है। जानिए कैसे योगी आदित्यनाथ का यह दांव बीजेपी के लिए चुनावी जीत की गारंटी बन सकता है।

Yogi Adityanath

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का बड़ा ऐलान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का यह ऐलान यूपी के सफाई कर्मियों के लिए एक बड़ी राहत है। प्रयागराज कुंभ में सफाईकर्मियों की मेहनत को सम्मान देते हुए योगी ने उन्हें बोनस देने का निर्णय लिया है। यही नहीं, उन्होंने अप्रैल से सफाईकर्मियों को 16,000 रुपये का न्यूनतम वेतन और स्वास्थ्य बीमा देने की घोषणा भी की है। इससे यूपी के सफाई कर्मियों का जीवन स्तर सुधारने के साथ-साथ उनकी राजनीतिक अहमियत भी बढ़ेगी।

क्या ये दांव बीजेपी को 2027 में फायदा दे सकता है?

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath)  का यह ऐलान 2027 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। सफाईकर्मी समुदाय की संख्या यूपी में बहुत अधिक है और इनमें से अधिकांश लोग अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से आते हैं। विशेष रूप से वाल्मीकि समुदाय, धानुक, मेघवाल, कोरी और जाटव समुदाय के लोग सफाई कर्मियों के रूप में कार्यरत हैं। यूपी की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जातियों का हिस्सा 20.7% है, जो कि चुनाव परिणामों पर बड़ा असर डाल सकता है।

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राजनीतिक समीकरण पर असर

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का यह कदम मायावती के पारंपरिक वोटबैंक को आकर्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण रणनीति है। मायावती का दल, बहुजन समाज पार्टी (BSP), लंबे समय से अनुसूचित जाति वर्ग के वोटों पर निर्भर रहा है। योगी आदित्यनाथ का यह दांव इस वर्ग के वोट को बीजेपी की ओर मोड़ सकता है, जिससे आगामी चुनाव में बीजेपी को मजबूती मिल सकती है।

विशेष रूप से वह इलाके, जहां अनुसूचित जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं, जैसे सोनभद्र, कौशांबी, सीतापुर, हरदोई, और उन्नाव, वहां इस घोषणा का सीधा असर देखने को मिल सकता है। इन जिलों में एससी वर्ग की आबादी 30% से अधिक है, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती है।

योगी के दांव का खतरा मायावती और अखिलेश के लिए

यह दांव मायावती और अखिलेश यादव जैसे नेताओं के लिए चुनौती बन सकता है। मायावती का वोट बैंक पिछले कुछ समय से कमजोर हुआ है, और अब योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) ने उनका गढ़ तोड़ने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इसी तरह, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी भी इस घोषणा से परेशान हो सकती है, क्योंकि यह वोटबैंक उनके पक्ष से बीजेपी की ओर खिसक सकता है।

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सफाई कर्मियों की राजनीति में बढ़ती ताकत

यूपी में सफाई कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि ये लोग राज्य के सबसे बड़े मेलों और धार्मिक आयोजनों में अहम योगदान देते हैं। महाकुंभ के दौरान, 10,000 से अधिक सफाईकर्मियों को तैनात किया गया था, और एक स्वच्छता अभियान में 15,000 सफाईकर्मी शामिल हुए थे, जो कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का हिस्सा बने थे। यह अभियान यूपी की राजनीतिक धारा को बदलने के लिए एक ठोस कदम साबित हो सकता है।

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योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का यह कदम, सफाई कर्मियों के लिए आर्थिक सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक बन सकता है। यह एक मजबूत चुनावी रणनीति हो सकती है, जो बीजेपी को 2027 के विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण बढ़त दिला सकती है। आगामी चुनावों में यूपी की राजनीति में इस कदम का असर साफ तौर पर दिखाई दे सकता है। अब यह देखने वाली बात होगी कि क्या यह दांव बीजेपी के लिए चुनावी जीत की गारंटी बन पाता है, या फिर मायावती और अखिलेश यादव इस चुनौती का सामना कर पाते हैं।

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