उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों के विस्तार के लिए योगी सरकार (Yogi Adityanath) का मास्टर प्लान, 2041 तक होगी आबादी में वृद्धि
ब्यूरो रिपोर्ट…उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने प्रदेश के छोटे शहरों को विकसित करने के लिए एक बड़े कदम के रूप में एक मास्टर प्लान तैयार किया है। यह योजना प्रदेश के 63 शहरों के लिए लागू की जाएगी, जिसमें शहरों की आबादी बढ़ाने, सीमाओं का विस्तार और उनके विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। इस मास्टर प्लान को केंद्र सरकार ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है। इस योजना के तहत इन छोटे शहरों का समग्र विकास और विस्तार होगा, जिससे राज्य के शहरीकरण को एक नया दिशा मिलेगा।
यूपी सरकार की मास्टर प्लान योजना
केंद्र सरकार ने अमृत-2 के तहत यूपी सरकार द्वारा तैयार किए गए मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के 63 शहरों के विकास को 2041 के दृष्टिकोण से करना है। इन शहरों को शहरी विकास के मानकों पर लाया जाएगा, जिसमें शहरों की सीमाओं का विस्तार, आबादी में वृद्धि और आवश्यक बुनियादी ढांचे की सुविधाएं दी जाएंगी। (Yogi Adityanath)
आबादी बढ़ाने के लिए सीमा विस्तार
इस योजना के तहत, उन शहरों के लिए सीमा विस्तार की प्रक्रिया पर जोर दिया जाएगा जिनकी आबादी 50 हजार से कम है। इन शहरों को नगर पंचायत की श्रेणी में रखा गया है, और इनकी आबादी को बढ़ाकर 50 हजार से ऊपर लाने का लक्ष्य रखा गया है। यूपी सरकार का नगर विकास विभाग अब इन शहरों का सर्वेक्षण करेगा और यह निर्धारित करेगा कि किस शहर में कितनी आबादी बढ़ाने की आवश्यकता है। (Yogi Adityanath)
इसके लिए नगर विकास विभाग के पास यह जिम्मेदारी है कि वह उन शहरों का सर्वे करवाए जिनकी जनसंख्या 50 हजार से कम है। इन शहरों की सीमाओं का विस्तार किया जाएगा, ताकि वे आने वाले समय में विकासशील शहरों के रूप में उभर सकें। (Yogi Adityanath)
32 शहरों की आबादी मानकों से कम
मास्टर प्लान के अंतर्गत यूपी के 63 शहरों को शामिल किया गया है, लेकिन इनमें से 32 शहरों की आबादी अभी भी निर्धारित मानकों से कम पाई गई है। इन शहरों का चयन उच्चाधिकार संचालन समिति द्वारा किया गया था, और इनका क्षेत्रफल भी वर्तमान में अपेक्षित मानकों के अनुसार कम है। इसलिए, इन शहरों की सीमा का विस्तार किया जाएगा और उनकी आबादी को बढ़ाकर उचित मानकों पर लाने का प्रयास किया जाएगा।
इन शहरों के विकास के लिए नगर विकास विभाग के साथ ही आवास विभाग भी सक्रिय रूप से काम कर रहा है। आवास विभाग ने नगर विकास विभाग को इन शहरों के विकास के लिए सभी जरूरी सुझाव दिए हैं। इन सुझावों के आधार पर नगर विकास विभाग अब इन शहरों का सर्वेक्षण करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि इन शहरों की जनसंख्या को बढ़ाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं।
जनगणना की समस्या
हालांकि, इस योजना में एक प्रमुख चुनौती जनगणना को लेकर सामने आ सकती है। देश में एक नई जनगणना की प्रक्रिया शुरू होनी है, और इसके लिए पहले यह तय किया जाएगा कि कौन-कौन से शहरों की सीमाएं बढ़ाई जाएंगी। सीमा विस्तार के बाद ही जनगणना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस प्रक्रिया के दौरान कुछ कानूनी और तकनीकी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनके समाधान के लिए राज्य सरकार को विशेष ध्यान देना होगा।
2031 और 2041 के मास्टर प्लान का अंतर
पहले केंद्र सरकार ने अमृत-1 योजना के तहत यूपी के 59 शहरों का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए फंड मुहैया कराया था, जो 2031 के दृष्टिकोण से था। अब अमृत-2 के तहत यूपी के 63 शहरों का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, जो 2041 के हिसाब से होगा। इस मास्टर प्लान में इन शहरों के विस्तार और विकास को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई जा रही है। (Yogi Adityanath)
भविष्य में यूपी के शहरों का विकास
इस नए मास्टर प्लान से यूपी के छोटे शहरों में नए विकास के अवसर पैदा होंगे। इन शहरों में बुनियादी ढांचा, आवास, रोजगार और बेहतर जीवन स्तर के लिए जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी। इसके अलावा, इन शहरों के विकास से न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश के शहरीकरण में भी तेजी आएगी। (Yogi Adityanath)
इस बड़े योजना के तहत यूपी सरकार का उद्देश्य है कि 2041 तक इन छोटे शहरों को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाया जाए, ताकि वे प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। (Yogi Adityanath)