ब्यूरो रिपोर्टः आज हम बात करेंगे योगासन (Yogasana) के बारे में, दरअसल हाई ब्लड शुगर का स्तर स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इसका सही नियंत्रण न होने पर यह कई दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। बता दे कि लंबे समय तक उच्च ब्लड शुगर का स्तर रहने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
Yogasana ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखते हैं
साथ ही साथ हाई ब्लड शुगर के कारण धमनियों में प्लाक जमने का खतरा होता है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक, और उच्च रक्तचाप की आशंका भी रहती है। दरअसल इसके अलावा किडनी फेलियर की स्थिति, नर्व डैमेज, आंखों के रेटिना को नुकसान पहुंचना समेत कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। दरअसल इस गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए हाई ब्लड शुगर के स्तर को कम करने की आवश्यकता होती है।
इसके लिए अच्छी लाइफस्टाइल और उचित खानपान के साथ ही कुछ योगासनों (Yogasana) का अभ्यास बेहतर तरीका हो सकता है। बता दे कि योगासन एक प्राकृतिक तरीका है जो न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है, औऱ साथ ही साथ मानसिक संतुलन बनाए रखता है। यहां कुछ योगासन दिए जा रहे हैं, जिनसे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
हलासन
दरअसल इस आसन (Yogasana) के अभ्यास से पाचन तंत्र को उत्तेजित होता है और थायरॉयड व पैराथायरॉयड ग्रंथियों के कार्य में सुधार आता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। हलासन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को धीरे धीरे ऊपर उठाएं और सिर के पीछे ले जाएं। इस मुद्रा में कुछ सेकेंड तक बने रहें और फिर पुर्व स्थिति में वापस आ जाएं।
पश्चिमोत्तानासन
उच्च रक्त शर्करा के स्तर को काबू में रखने के लिए पश्चिमोत्तानासन योगासन (Yogasana) का अभ्यास भी फायदेमंद हो सकता है। इस आसन के अभ्यास से पाचन में सुधार होता है। इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है और रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए मैट पर बैठकर पैरों को आगे फैलाएं। हाथों को उठाथे हुए धीरे धीरे आगे झुकें और पैर की उंगलियों को पकड़ने का प्रयास करें। सिर को घुटनों के पास रखें और 20 से 30 सेकेंड तक इसी स्थिति में बने रहें।
धनुरासन
बता दे कि यह योगासन (Yogasana) शरीर के मुख्य अंगों, विशेषकर अग्न्याशय को सक्रिय करता है, जो इन्सुलिन के उत्पादन में सुधार लाने में मदद करता है। धनुरासन के अभ्यास के लिए पेट के बल लेट जाएं। अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर हाथों से पकड़ें और शरीर को धनुष की तरह खींचें। दरअसल इस स्थिति को 20-30 सेकंड तक बनाए रखें।
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वृक्षासन
दरअसल वृक्षासन योगासन (Yogasana) शारीरिक तनाव दूर करने के साथ ही एकाग्रता में सुधारता करता है। साइटिका की समस्या से राहत दिलाता है और ब्लड शुगर के स्तर को काबू में रखता है। बता दे कि इस योगासन को करने के लिए सीधे खड़े होकर दोनों पैरों के बीच लगभग 3 इंच की दूरी रखें। दरअसल दाएं पैर को मोड़कर सांस छोड़ते हुए पंजे को बाई जांघ के पिछले हिस्से पर रखें। आंखों के समांतर किसी बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें। अब सांस भरते हुए शरीर को ऊपर की ओर खीचें और दोनों हाथों को आसमान की ओर ले जाएं व नमस्कार की तरह जोडें।