ब्यूरो रिपोर्टः विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने हाल ही में चेतावनी दी है कि एशियाई देशों में एक गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो रहा है, जहां हर साल करीब पाँच लाख लोग टीबी जैसी खतरनाक बीमारी के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। टीबी का यह आंकड़ा खासकर उन देशों में अधिक है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सीमित है और पर्याप्त उपचार सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
World Health Organization ने किया सावधान
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कहा कि टीबी एक संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन यह अन्य अंगों को भी नुकसान पहुँचा सकता है। यह बीमारी एयरोसोल द्वारा फैलती है, यानी संक्रमित व्यक्ति द्वारा खांसने या छींकने पर इसके बैक्टीरिया हवा में मिल जाते हैं, जिससे अन्य लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। टीबी का इलाज संभव है, लेकिन अगर समय पर पहचान न हो और सही उपचार न मिले, तो यह घातक साबित हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) का कहना है कि एशिया में टीबी की समस्या एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, और यह विशेष रूप से भारत, चीन, पाकिस्तान, और इंडोनेशिया जैसे देशों में अधिक गंभीर रूप से फैल रही है। महामारी के कारण, चिकित्सा सुविधाओं की कमी, और दवाओं का प्रभावी तरीके से उपयोग न होने के कारण स्थिति और बिगड़ रही है। WHO ने यह भी बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान टीबी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि संक्रमण के डर और लॉकडाउन के कारण कई मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल सका।