ब्यूरो रिपोर्ट… विटामिन (Vitamin) डी शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हड्डियों, दांतों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए जरूरी है। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य की धूप है। जब हमारी त्वचा सूर्य की यूवीबी किरणों से संपर्क करती है, तो यह विटामिन (Vitamin) डी के उत्पादन को बढ़ावा देती है। सूरज की रोशनी में पर्याप्त समय बिताने से शरीर स्वाभाविक रूप से विटामिन डी बनाता है, जो हड्डियों, दांतों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आमतौर पर, सुबह के 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच सूर्य की रोशनी सबसे प्रभावी होती है। विटामिन (Vitamin) डी का पर्याप्त स्तर बनाए रखने के लिए रोजाना कुछ मिनट धूप में बिताना फायदेमंद होता है। लेकिन कई बार लोग धूप में रहने कई-कई घंटे बिता देते हैं, बावजूद वह विटामिन डी की कमी से पीड़ित रहते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा ही होता है तो आपको इसपर ध्यान देने की जरूरत है और इसके पीछे के कारणों की पहचान करने की भी।
समय और मात्रा
अगर आप धूप में कम समय के लिए रहते हैं या सूरज की रोशनी के प्रभावी समय (सुबह के 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक) में बाहर नहीं निकलते, तो शरीर को पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिल पाता। विटामिन (Vitamin) डी के उत्पादन के लिए सूर्य की यूवीबी किरणों की आवश्यकता होती है, जो केवल कुछ घंटों तक ही प्रभावी होती हैं। इसलिए धूप में कम समय बिताने से विटामिन डी की कमी हो सकती है।\
त्वचा का रंग
गहरे रंग की त्वचा में मेलानिन की मात्रा अधिक होती है, जो सूर्य की रोशनी को अवशोषित करने में बाधा डालता है। इस कारण, गहरे रंग की त्वचा वाले व्यक्तियों को विटामिन डी के उत्पादन के लिए अधिक समय धूप में रहना पड़ता है। ऐसे लोगों को विशेष रूप से विटामिन (Vitamin) डी की कमी का सामना हो सकता है, भले ही वे धूप में समय बिता रहे हों।
आहार में Vitamin डी की कमी
विटामिन (Vitamin) डी का मुख्य स्रोत सूर्य की रोशनी है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ भी इस विटामिन से भरपूर होते हैं, जैसे मछली, अंडे और दूध। अगर आहार में विटामिन डी का सेवन कम हो, तो शरीर को सूर्य की रोशनी से भी पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिल पाता। इस स्थिति में, धूप में रहने के बावजूद विटामिन डी की कमी बनी रहती है।
स्वास्थ्य और जीवनशैली
कुछ स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे किडनी या लिवर की समस्याएं, शरीर के विटामिन (Vitamin) डी के अवशोषण और उसका उपयोग करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। इसके अलावा, अत्यधिक वजन होना (मोटापा) भी विटामिन डी की कमी का कारण बन सकता है, क्योंकि अधिक शरीर की चर्बी विटामिन डी को स्टोर करती है और उसकी उपयोगिता को कम कर देती है। ऐसे में विटामिन डी की कमी से बचने के लिए उचित आहार, नियमित सूरज की रोशनी और डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स का सेवन करना आवश्यक हो सकता है।