लखनऊ : हाल ही में लोकसभा चुनाव में कड़ी शिकस्त के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति (UP Politics) से बड़ी खबर आई है। भारतीय जनता पार्टी (UP BJP) के नेतृत्व ने अपना विश्लेषण किया। अब पार्टी नेतृत्व ने फैसला लिया है कि संगठन और प्रदेश की सत्ता में दलितों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। यह फैसला भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने लखनऊ प्रवास के दूसरे दिन पार्टी मुख्यालय में एससी मोर्चे के पदाधिकारियों की एक बैठक के बाद लिया गया है।
14 जुलाई को होगी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक
दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने अपने लखनऊ प्रवास के दौरान महानगर में 14 जुलाई को होने वाली प्रदेश कार्यसमिति की बैठक की तैयारियों की समीक्षा की। इसी बीच उन्होंने एससी मोर्चे के पदाधिकारियों से लोकसभा चुनाव में हार की वजह पर भी चर्चा की। इन पदाधिकारियों की मानें तो टिकट वितरण में पार्टी संगठन की लापरवाही और संविधान बदलने को लेकर विपक्ष का प्रचार इसके लिए खास तौर पर जिम्मेदार रहे। उन्होंने बताया कि विपक्ष के संविधान बदलने के दुष्प्रचार के खिलाफ दलितों को जागरूक नहीं किया जा सका। उम्मीदवारों को टिकट देने से पहले स्थानीय नेताओं की राय को तवज्जो नहीं दी गई और इसके चलते कार्यकर्ताओं ने प्रचार से दूरी बना ली।
अहंकार से दूरी बनाकर रखें : संतोष
इसके बाद इस बैठक में दलित समुदाय के बीच नए सिरे से पैठ बनाने के तरीकों पर विचार हुआ। इसी कड़़ी में इस बात पर जोर दिया गया कि सरकार और पार्टी के संगठन में दलितों की भागीदारी बढ़ाई जाए। उधर, राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने पार्टी के प्रादेशिक नेताओं से कहा है कि अहंकार से दूरी बनाकर रखें। सभी को पद नहीं दिए जा सकते, लेकिन समर्पित होकर चलने से समय आने पर पार्टी आगे आने का मौका भी देती है। ऐसे में निराश न हों और अपनी कमियों से सीख लेकर आगे बढ़ें।