कुशीनगर (आसिफ खान) : कुशीनगर (Kushinagar) जिले में उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षा के दौरान एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिले के अशोक विद्यापीठ इंटर कॉलेज, नकटहा मिश्र में आयोजित हाई स्कूल गणित परीक्षा में परीक्षा का आयोजन रिजर्व पेपर से किया गया। यह मामला तब सामने आया जब डीआईओएस (जिला शिक्षा अधिकारी) कार्यालय द्वारा एक पत्र जारी किया गया, जिसमें यह खुलासा हुआ कि 1 मार्च को हुई गणित परीक्षा में छात्रों से रिजर्व पेपर पर परीक्षा ली गई, जो बोर्ड द्वारा निर्धारित मूल प्रश्न पत्र से अलग था।(Kushinagar)
Kushinagar में परीक्षा में रिजर्व पेपर का प्रयोग
1 मार्च को हाई स्कूल के गणित विषय की परीक्षा आयोजित की गई थी। हालांकि, यह परीक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित मूल प्रश्न पत्र के बजाय रिजर्व पेपर से ली गई। रिजर्व पेपर का प्रयोग मुख्य परीक्षा के दौरान यदि कोई अप्रत्याशित परिस्थिति उत्पन्न हो, जैसे पेपर का खो जाना या किसी तकनीकी कारण से प्रश्न पत्र का वितरण नहीं हो पाना, तब किया जाता है। ऐसे में रिजर्व पेपर से परीक्षा ली जाती है। लेकिन इस मामले में ऐसा कोई कारण नहीं था, फिर भी कॉलेज प्रबंधन ने रिजर्व पेपर का प्रयोग किया, जिससे छात्रों के भविष्य पर गंभीर असर पड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है।(Kushinagar)
छात्रों के लिए यह स्थिति खतरे की घंटी
मूल प्रश्न पत्र के बजाय रिजर्व पेपर से परीक्षा कराने के कारण छात्रों के लिए यह एक कठिन स्थिति बन गई है। रिजर्व पेपर में सवालों की प्रकृति और कठिनाई स्तर मूल पेपर से भिन्न हो सकते हैं, जिससे छात्रों को सही मूल्यांकन नहीं हो पाया। इस प्रकार की लापरवाही के कारण छात्रों को फेल होने का खतरा हो सकता है, और उनके भविष्य को भी गंभीर नुकसान हो सकता है। छात्रों का आरोप है कि इस प्रकार की लापरवाही उनके अधिकारों का उल्लंघन करती है और उनकी मेहनत को भी नकारती है।(Kushinagar)
डीआईओएस का हस्तक्षेप
डीआईओएस कार्यालय द्वारा जारी पत्र में इस पूरे मामले का खुलासा किया गया है। हालांकि, पूरे मामले को दबाने की कोशिश की गई थी, लेकिन पत्र जारी होने के बाद यह मुद्दा तूल पकड़ गया। डीआईओएस श्रवण गुप्ता ने मामले की जांच की और कॉलेज प्रबंधन पर कोई ठोस कार्यवाही करने की बजाय केवल लीपापोती करने का प्रयास किया। इससे यह साफ जाहिर हुआ कि उच्च अधिकारी इस मामले में गंभीर नहीं थे और उन्होंने मामले को नजरअंदाज करने की कोशिश की।(Kushinagar)
कॉलेज प्रबंधन पर कार्रवाई
जब इस मामले का खुलासा हुआ और विरोध बढ़ा, तो कॉलेज प्रबंधन ने तुरंत केंद्र व्यवस्थापक कश्यप कुमार और सह केंद्र व्यवस्थापक दुर्गेश यादव को निलंबित करने की संस्तुति दी। कॉलेज प्रबंधन की इस संस्तुति के बाद, दोनों अधिकारी निलंबित कर दिए गए। हालांकि, यह सवाल उठता है कि क्या केवल इन दो अधिकारियों को निलंबित करके इस गंभीर लापरवाही को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है? क्या इस पूरे मामले में जिम्मेदार अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी?
विद्यार्थियों के लिए राहत की आवश्यकता
इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा असर उन विद्यार्थियों पर पड़ा है, जिन्होंने पूरी मेहनत से परीक्षा की तैयारी की थी। अब उन्हें अपने परिणामों पर संशय है और उन्हें लगता है कि उनकी मेहनत व्यर्थ हो गई है। विद्यार्थियों के लिए यह समय तनावपूर्ण है, क्योंकि उन्हें अपने भविष्य को लेकर चिंता हो रही है। उनके लिए यह सवाल उठता है कि क्या उन्हें सही और निष्पक्ष मूल्यांकन मिलेगा या नहीं।
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कुशीनगर (Kushinagar) में यूपी बोर्ड की परीक्षा में हुई यह लापरवाही एक गंभीर मामला है, जिससे न केवल छात्रों का भविष्य संकट में पड़ा है, बल्कि यह भी सवाल उठता है कि परीक्षा व्यवस्था और स्कूल प्रबंधन में किस तरह की त्रुटियाँ हो रही हैं। अधिकारियों की लापरवाही और उनके द्वारा मामले को दबाने की कोशिश ने इस मामले को और अधिक जटिल बना दिया है। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और छात्रों को उचित न्याय मिलना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।