ब्यूरो रिपोर्टः संभल (Sambhal) जिले में कुएं की खुदाई के दौरान एक रहस्यमयी सुरंग मिली, जिससे जमीन के नीचे एक प्राचीन इमारत का पता चला है। यह घटना काफी चौंकाने वाली थी, और इसे ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कुएं की खुदाई के दौरान सुरंग का मिलना और इसके बाद प्राचीन इमारत के अवशेषों का सामने आना, यह संकेत देता है कि इलाके में कभी कोई ऐतिहासिक या सांस्कृतिक महत्व की संरचना हो सकती थी, जो अब मलबे में दब चुकी थी।
Sambhal में जमीन नीचे ईमारत
जनपद संभल (Sambhal) में लगातार कुओं के मिलने का सिलसिला जारी है, संभल की चंदौसी कोतवाली क्षेत्र के लक्ष्मणगंज में बावड़ी वाले कुएं के नाम से प्रसिद्ध स्थान पर नगर पालिका परिषद की मदद से तहसील प्रशासन ने खुदाई कराई , इस दौरान प्रशासन को नीचे चार कमरे नुमा स्थान मिले हैं और अभी खुदाई आगे की जा रही है। इस विषय में जानकारी देते हुए तहसीलदार चंदौसी धीरेंद्र सिंह ने बताया कि राजस्व विभाग के लेखपाल ने जानकारी दी थी कि बावड़ी वाले कुएं के नीचे तालाब जैसी जगह है।
आज जब संभल (Sambhal) में नगर पालिका परिषद की मदद से खुदाई कराई गई तो इसके नीचे कमरे नुमा चार स्थान मिले और अभी आगे खुदाई का काम जारी है साथ ही उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई राजस्व लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। स्थानीय अधिकारियों और पुरातत्त्व विभाग के विशेषज्ञों ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है। संभल में सुरंग और प्राचीन इमारत के अवशेषों के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए खुदाई जारी रखी जाएगी।
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संभल (Sambhal) में यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए आश्चर्यजनक थी, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर भी सवाल उठते हैं, जो आगे चलकर इस क्षेत्र के इतिहास को फिर से जीवित करने का अवसर प्रदान कर सकते हैं। इस प्रकार की खोजों से अक्सर इलाके के ऐतिहासिक इतिहास और पुरानी सभ्यताओं के बारे में नए तथ्य सामने आते हैं, जो भविष्य में शोधकर्ताओं और इतिहासकारों के लिए एक अहम जानकारी का स्रोत बन सकते हैं।