ब्यूरो रिपोर्ट… ट्यूमर (Tumor) गांठ शरीर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को दर्शाता है। इसकी वृद्धि दर और व्यवहार कई आंतरिक एवं बाह्य कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें ऋतु परिवर्तन भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैज्ञानिक अध्ययनों से यह संकेत मिलता है कि विभिन्न मौसमों में शरीर की जैविक प्रक्रियाएं बदलती हैं, जो ट्यूमर (Tumor) की वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं। आइए, डॉ लखन कश्यप, सलाहकार (मेडिकल ऑन्कोलॉजी), मणिपाल अस्पताल बाणेर पुणे से जानते हैं इसके बारे में विस्तार से
ऋतु परिवर्तन के कारण शरीर में होने वाले परिवर्तन
ऋतु परिवर्तन के दौरान शरीर के हार्मोनल संतुलन, प्रतिरक्षा प्रणाली, तथा अन्य जैविक प्रक्रियाओं में कई परिवर्तन होते हैं। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रभाव देखे जाते हैं:
सर्दियों में Tumor वृद्धि पर प्रभाव:
ठंड के मौसम में शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे कोशिकाओं की वृद्धि दर धीमी हो सकती है।
प्रतिरक्षा प्रणाली अपेक्षाकृत कमजोर हो सकती है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों की पुनरावृत्ति का जोखिम बढ़ सकता है।
विटामिन डी के स्तर में कमी होने से कैंसर-रोधी प्रक्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं।
गर्मियों में ट्यूमर वृद्धि पर प्रभाव:
गर्मियों में सूर्य के प्रकाश की अधिकता से विटामिन डी का स्तर बढ़ता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि कुछ प्रकार के ट्यूमर (Tumor) (जैसे त्वचा कैंसर) की वृद्धि दर गर्मियों में अधिक हो सकती है।
शरीर में जल स्तर बनाए रखने के लिए पर्याप्त जल का सेवन आवश्यक होता है, अन्यथा कोशिकाएं निर्जलीकरण के कारण तनाव में आ सकती हैं।