ब्यूरो रिपोर्ट: अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले (Cancer ) का जिक्र करते हुए 9 साल से 40 वर्ष की महिलाओं के टीकाकरण की बात कही। कैंसर (Cancer ) , वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती गंभीर और जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जिसके कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। दुनियाभर में कैंसर के बढ़ते खतरे को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है, और शिक्षित करने के उद्देश्य से हर वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।
4 फरवरी विश्व Cancer दिवस आज
कैंसर (Cancer ) के जोखिम से बचने और कैंसर पीड़ितों को इस बीमारी से लड़ने के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास करना चाहिए। यहां कैंसर (Cancer ) के खतरे को कम करने के लिए कुछ योगासनों के बारे में बताया जा रहा है। इन योगासनों के नियमित अभ्यास से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
वक्रासन
इस योगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले आराम से बैठ जाएं। इसके बाद दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए, उनके बीच गैप न रखें। दाएं पैर को मोड़ते हुए बाएं पैर के घुटने के बगल में लाएं और दाएं हाथ को पीठ के पीछे ले जाते हुए जमीन पर टिकाएं। अब बाएं हाथ से दाहिने पैर के बाई ओर हाथ डालते हुए दाहिने पैर से घुटने को छुएं। श्वास की गति सामान्य रखें। रोजाना आधा से एक मिनट इस योग का अभ्यास करें।
गोमुखासन
इस योगासन के अभ्यास से शरीर को बहुत तरह के लाभ मिलते हैं। वज्रासन की मुद्रा में बैठकर दायें पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं पैर के कुल्हें के नीचे रखें। बाएं पैर को दोनों हाथों से उठाकर घुटने से मोड़ते हुए दाहिने पैर के ठीक घुटने के ऊपर रखें। बाएं हाथ को ऊपर से लेकर पीठ की ओर ले जाएं। अब दूसरा हाथ नीचे से होते हुए पीठ के पास रखें। बाद में दोनों हाथों की अंगुलियों को एक दूसरे से पकड़ लें। इस आसन को पांच मिनट तक करें।
उष्ट्रासन
इस योगासन को करने के लिए घुटनों के बल आराम से बैठकर हाथ हिप्स पर रख लें। और पैरों के तलवे छत की तरफ रखें। सांस अंदर लेते हुए रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ आने का दबाव बनाएं। फिर कमर को पीछे की तरफ मोड़ते हुए धीरे से हथेलियों की पकड़ पैरों पर मजबूत करें। कुछ देर बाद पुरानी अवस्था में आ जाएं और आराम करें।