ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) का नाम बदलने की मांग उठने लगी है. दरअसल उर्दू को लेकर चल रहे बयानों के बीच अब यूपी के मुफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग ने सियासत गर्म कर डाली है. जी हां यह मांग एमएलसी मोहित बेनीवाल ने उठाई है. जिसके बाद मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग करते ही मोहित बेनीवाल सपा, कांग्रेस, आजाद समाज पार्टी और आप के निशाने पर आ गए है. दरअसल इस मांग ने एक बार फिर बीजेपी के खिलाफ पश्चिमी यूपी में बयानों की बौछार करा डाली है. बता दे कि एमएलसी मोहित बेनीवाल ने बजट सत्र में यूपी के मुफ्फरनगर जिले का नाम बदलकर ‘लक्ष्मीनगर’ करने की मांग उठाई है।
Muzaffarnagar का नाम बदलने की मांग पर सियासी संग्राम
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिला महाभारतकाल से जुड़ा हुआ है. नाम बदलने का प्रश्न नहीं है बल्कि हमारे सांस्कृतिक गौरव, सभ्यता के पुनर्जागरण और एतिहासिक सत्य की पुनर्स्थापना का संकल्प है, क्योकि मुजफ्फरनगर कोई साधारण भूमि नहीं है, यहां ‘शुक्रताल’ में राजा परीक्षित ने ऋषि शुकदेव से भागवत पुराण का श्रवण किया था. आगे कहा कि क्या इतना होने के बाद भी ये उचित है कि पवित्र स्थान का नाम एक मुगल शासक मुजफ्फर अली के नाम से जाना जाए. ये क्षेत्र कृषि, व्यापार और आर्थिक सम्पन्नता के साथ गुड़ की मिठास का भी केन्द्र है. आगे बोलते हुए कहा था कि मुजफ्फरनगर की जगह लक्ष्मीनगर’ नाम क्षेत्र की प्रगति का प्रतीक बनेगा।
जिसपर मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) से सपा सांसद हरेन्द्र मलिक ने बड़ा बयान दिया है, उन्होने कहा कि जुमलेबाजी से काम नहीं चलेगा, काम विकास से होगा. मोहित बेनीवाल सम्मानित सदन के सम्मानित सदस्य हैं, मुजफ्फरनगर और शामली के लिए बड़े कारखाने मांगते, राजकीय यूनिवर्सिटी स्थापित करने या फिर मेडिकल कॉलेज की मांग करते तो हम स्वागत करते, नाम में क्या रखा है. नौजवानों के रोजगार की बात करें जुमलेबाजी कर हर बार नया शगुफा न छोड़ें।
इसके बाद मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) का नाम ‘लक्ष्मीनगर’ करने की मांग उठाने पर आजाद समाज पार्टी के मेरठ मंडल प्रभारी डा. अमित गुर्जर ने कहा कि भाजपा के लोगों को विकास की बात करनी चाहिए, मुजफ्फरनगर का नाम बदलने से क्या होगा. यहां बड़े उधोग लगवाएं मोहित बेनीवाल, नाम बदलने से कुछ नहीं होने वाला है, वही इसी दौरान कांग्रेस के मेरठ जिलाध्यक्ष अवनीश काजला का कहना है कि मुजफ्फरगर (Muzaffarnagar) ही क्यों पूरे भारत के जिलों के नाम बदल डाले।
यह भी पढेः Shamli में फिल्मी स्टाइल में रेड लाइट पर चढकर पलटी कार, दो महिलाओं सहित चार घायल…
इससे भला होने वाला नहीं है. अब तो ट्रिपल इंजन की सरकार है, तुष्टिकरण और नाम बदलने की राजनीति छोड़कर विकास की बात करें, अपनी नाकामी छिपाने के लिए नाम बदलने की सियासत न करें।