ब्यूरो रिपोर्टः दरअसल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ प्रचार कर रहें टिकैत भाइयो का दर्द उस वक्त मंच से छलक उठा, जब मासिक पंचायत के लिए मुज़फ्फरनगर के फुगाना गांव में नरेश टिकैत बोल रहें थे,किसानों को उनके हक़ के लिए आवाज बुलंद करने की नसीहत दे रहें थे, तो टिकैत ने मंच से बोल दिया की सरकार तो BJP की ही बनेगी। अगर खर्च करके भी किसानों के इस संगठन को बचा सकते हो तो बचा लो। यही नहीं टिकैत ने कहां की सरकार भले ही बीजेपी की बन जाए, लेकिन अगर उनकी सरकार बनी तो भारत की एकता अखंडता टूट जाएगी, क्योकि सरकार ने अब इस अखंडता को निशाना बना लिया हैं। टिकैत के मन अंदर मोदी सरकार के प्रति भरे गुस्से को इस बात से भी समझा जा सकता हैं।
मंच से टिकैत ने दिया बड़ा बयान तो मच गई खलबली !
क्या टिकैत बंधुओं को सताने का लगा भविष्य का खतरा
कि जब उन्होने कहां की सरकार उनको न तो हिन्दू मान रही न भाजपा के लोग मान रही, हमे अभी तक ये ही नहीं पता की हम किस पार्टी में शामिल हैं, बता दे की पश्चिम यूपी किसानो की बड़ी ताकत हैं, पश्चिम यूपी को जाट बेल्ट के तौर पर भी देखा जाता हैं। कई बड़ी – बड़ी पंचायते सरकार के लिए यहाँ परेशानी बनी हैं। 2013 मुज़फ्फरनगर दंगे के दौरान भी सी इलाके ने बीजेपी के पक्ष में एक मुस्त होकर वोट किया था। लेकिन 13 महीनो तक दिल्ली के बॉर्डर पर चले किसान आंदोलन के बाद से पश्चिम यूपी का मिजाज बदला हुआ नजर आता हैं। पश्चिम यूपी का वोटर्स दो धड़ो में बटा दिखाई देता हैं।
एक धड़ा विपक्ष का हैं तो दूसरा धड़ा सत्ता के लोगो का हैं। विपक्षी धड़े को किसान सगंठन बड़ी संख्या मे समर्थन कर रहे हैं। जिसको देखते हुए सरकार की नींद हराम करने वाले टिकैत बंधू इन दिनों गांव – गांव जाकर सरकार को बीजेपी के पक्ष में वोट न करने की अपील कर रहे हैं। लेकिन ऐसे में देखना ये दिलचस्प हो जाता हैं, की 2024 में बीजेपी के खिलाफ टिकैत बंधुओ का ये प्रचार कितना काम आता हैं। लेकिन भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत के बयान से इतना जरूर समझा जा सकता हैं की उनके मन में एक डर ये जरूर हैं की अगर बीजेपी तीसरी बार केंद्र की सत्ता में काबिज हो गई तो उनके साथ किसानो की राजनीति करना आसान नहीं होगा।