ब्यूरो रिपोर्टः हमारे चारों ओर कई सारे पेड़ पौधे (plant) हैं जो ना सिर्फ हमें ऑक्सीजन देते हैं बल्कि इनके फूल, पत्तों, जड़ों और लड़कियों से कई तरह की बीमारियों का इलाज भी किया जाता है। ऐसा ही एक जंगली पौधा (plant) है किनगोड़ जो पहाड़ों में पाया जाता है। आमतौर पर इसका उपयोग खेतों की बाढ़ के लिए किया जाता है, लेकिन यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके बीज से लेकर जड़ तक के अलग अलग फायदे होते हैं। कंटीली झाड़ी वाला पौधा (plant) किनगोड़ समुद्रतल से 1200 से 1800 मीटर की ऊंचाई पर उगता है।
ये plant गुणों का खजाना है
इसका वानस्पतिक नाम बर्बेरिस एरिस्टाटा है। किनगोड़ में बर्बेरिन नाम का केमिकल मौजूद होता है जिसके कारण इसका रंग पीला होता है। आयुर्वेद के अलावा किनगोड़ का उपयोग एलोपैथी में भी किया जाता है। यही वजह है कि कई फार्मा कंपनियां भी बर्बेरिन का इस्तेमाल करती हैं। आइए आपको इसके फायदों के बारे में विस्तार से बताते हैं। किनगोड़ में कई पोषक तत्व और मिनरल्स पाए जाते हैं।
एनसीबीआई के अनुसार इसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, मैग्नीशियम आदि पाया जाता है। आयुर्वेद में इसे एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि के रूप में जाना जाता है। इस एक पेड़ (plant) से जाने कितने तत्व निकाले जाते हैं। स्वाद के मामले में भी यह लाजवाब है। किनगोड़ के फल में विटामिन सी पाया जाता है जो स्किन के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इससे कील, मुंहासे दाग, धब्बे आदि दूर हो जाते हैं। किनगोड़ का फल खाने से स्किन ग्लो करती है और रंगत में भी निखार आता है।
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शुगर के मरीजों के लिए यह बहुत ही असरदार दवा हो सकती है। किनगोड़ की जड़ को पानी में भिगोकर रोजाना सुबह इसका पीने से डायबिटीज कंट्रोल रहता है। आप चाहें तो इसके फल का जूस निकालकर भी पी सकते हैं। इससे ना सिर्फ आपका ब्लड शुगर नियंत्रित रहेगा बल्कि डायबिटीज से जुड़ी अन्य जटिलताएं भी कम होगी। वहीं किनगोड़ की जड़ का पानी पीने से पीलिया भी ठीक होता है।