ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश में डेंगू(dengue)का प्रकोप बढता ही जा रहा है देश प्रदेश में लगातार डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर हॉस्पिटल के ओपीडी में बुखार और सांस की तकलीफ के कारण मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, दरअसल अगर दिल्ली की बात करे तो दिल्ली NCR में डेंगू और वायु प्रदूषण ने लोगों का जीना मुश्किल किए हुए है. एक तरफ डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है ।
तो वहीं दूसरी ओर हॉस्पिटल के ओपीडी में बुखार और सांस की तकलीफ के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ओपीडी और इमरजेंसी को मिलाकर सांस के मरीजों का आंकड़ा लगभग 50 तक पहुंच गया है. स्क्रीनिंग ओपीडी की खास व्यवस्था की गई है, जिसमें सांस की बीमारी वाले मरीज को होने वाले इंफेक्शन का इलाज किया जाएगा. यहां पर चेस्ट फिजिशियन की व्यवस्था रखी जाएगी. प्रदूषण में खासकर अस्थमा, लंग इन्फेक्शन, आंखों की एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।
ऐसे में अस्थमा और लंग्स की बीमारी से पीड़ित लोगों को घर में रहने की खास सलाह दी गई है. साथ ही लोगों से अपील है कि वे बेवजह घर से बाहर नहीं निकलें.सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग सावधानी बरतें. हर साल दिल्ली एनसीआर में एक वक्त ऐसा आता है कि वहां की हवा इतनी ज्यादा जहरीली हो जाती है. और लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है. क्षेत्र में बिगड़ते वायु प्रदूषण ने कई बीमारियों को बढ़ा दिया है।
जिनमें खांसी के दौरे, सांस फूलना, कंजेशन, लगातार सिरदर्द, थकान और बहुत कुछ शामिल हैं. जो लोग पहले से ही फेफड़ों से संबंधित बीमारियों, अस्थमा, या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित हैं, उनकी बीमारी इस दौरान बढ़ सकती है. जिसके बाद दवाओं और सांस लेने की आवश्यकता बढ़ जाती है.25 अक्टूबर को लगातार तीसरे दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता “खराब” श्रेणी में रही और निगरानी एजेंसियों का अनुमान है।
कि आने वाले दिनों में इसमें महत्वपूर्ण सुधार की संभावना नहीं है. वायु प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिलने के कारण – पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पराली जलाना जारी है. जोखिम वाले लोगों ने पहले से ही अस्पताल के बाह्य रोगी विभागों और आपातकालीन इकाइयों में लाइन लगाना शुरू कर दिया है।