ब्यूरो रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश सरकार लगातार ऐसी कई योजना चला रही हैं जिससे किसानों को सीधा फायदा पहुंचाया जाए, ऐसी ही एक योजना को लेकर आज बात करेंगे जिसमे किसानो को सरकार ने लाभ पहुंचाने के लिए चलाया हैं। दरअसल यूपी को दालों एवं खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने हेतु दलहनी एवं तिलहनी फसलों का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए योगी सरकार ने किसानों को दलहन और तिलहन के बीज किसानों को वितरित करने की योजना लागू की थी. जिस योजना को अब योगी सरकार द्वारा 2027 तक के बढ़ा दिया गया है.
यूपी में योगी कैबिनेट ने तिलहनी फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए अगले 4 साल तक दलहन और तिलहन के बीज किसानों को निशुल्क बांटने का फैसला किया है. इसके तहत इन फसलों की बेहतर उपज लेने को लेकर किसानों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा. इसके लिए राज्यव्यापी स्तर पर किसान पाठशालाओं का आयोजन किया जाएगा. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि विभाग के इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए यह फैसला किया है.दलहन एवं तिलहन फसलों के निशुल्क बीज वितरण योजना में चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में किसानों को इन फसलों के बीज की मुफ्त किट बांटी जा रही है.
योगी मंत्रिमंडल ने अब वर्ष 2026-27 तक जायद, खरीफ एवं रबी के तीनों फसल सीजन में तिलहन और दलहन फसलों के निशुल्क बीज की मिनी किट का वितरण करने का फैसला किया है. इसका मकसद इन फसलों का रकबा, उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाना है.सरकार का कहना है कि तिलहन की फसलों में जिन फसलों के बीज मुफ्त मिलंगे उनमें तिल, मूंगफली राई, सरसों एवं अलसी तथा दलहनी फसलों में उर्द, मूंग, अरहर, चना, मटर एवं मसूर शामिल हैं. इस योजना के तहत सीमांत एवं लघु सीमांत किसानों, जो पीएम किसान सम्मान निधि के पात्र हैं, को वरीयता देते हुए बीज की निशुल्क मिनी किट वितरित की जाएगी. सरकार का कहना है कि इस योजना में बीज की 25 फीसदी किट अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों को देने के लिए आरक्षित रहेंगी.
तिलहनी फसलों के बीज की एक मिनी किट में 2 किग्रा तिल के बीज के अलावा 2-2 किग्रा राई एवं सरसों का बीज मिलेगा. इससे 0.4 हेक्टेयर जमीन में बुआई की जा सकेगी. इसके अलावा 0.1 हेक्टेयर खेत में बुआई के लिए 2 किग्रा अलसी एवं इतनी ही जमीन में बुआई के लिए 10 किग्रा मूंगफली का बीज दिया जाएगा. बीज की आपूर्ति राज्य बीज भंडार निगम द्वारा तैयार बीजों से की जाएगी. सरकार का कहना है की 4 साल तक तिलहन के बीज की हर साल 6 लाख 66 हजार 578 मिनी किट किसानों को दी जाएगी. इस प्रकार 4 साल में कुल 26.66 लाख से अधिक किसानों को बीज के माध्यम से तिलहन की खेती से जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार दलहनी फसलों के निशुल्क बीज की मिनी किट हर साल 8.36 लाख किसानों को दी जाएगी.
साथ ही स्पष्ट किया कि एक बार जिस किसान को किट मिल जाएगी उसे फिर दोबारा किट नहीं मिलेगी. साथ ही सरकार का कहना है कि दलहनी फसलों में दिए जाने वाले बीज में जायद सीजन में उड़द एवं मूंग का 4-4 किग्रा, खरीफ सीजन में अरहर का 3 किग्रा बीज और रबी सीजन में चना का 16 किग्रा, मटर का 20 किग्रा एवं मसूर का 8 किग्रा बीज दिया जाएगा. प्रत्येक फसल का बीज आधा एकड़ जमीन पर बुआई के लिए पर्याप्त होगा.इस योजना के बारे में यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि किसानों को दलहन एवंं तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए इन फसलों की खेती के विभिन्न स्थानों पर 57,172 फसल प्रदर्शन भी आयोजित किये जायेंगे.
इसके साथ ही हर प्रदर्शन स्थल पर एक किसान पाठशाला का भी आयोजन किया जाएगा. इसी प्रकार तिलहनी फसलों की 47,624 किसान पाठशालाओं का आयोजन होगा. दलहन बीज की मिनी किट के वितरण, प्रदर्शन एवं पाठशाला कार्यक्रम से वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक प्रदेश के कुल 57.17 लाख किसान लाभान्वित होंगे. वहीं तिलहनी फसलों के बीज की मिनी किट तथा प्रदर्शन कार्यक्रम से 4 साल में कुल 26.96 लाख किसान जुड़ेंगे. तिलहन की किसान पाठशाला के माध्यम से कुल 47.62 लाख किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य तय किया गया है.इस साल बेमौसम बारिश के कारण गेहूं की उपज को काफी नुकसान हुआ था.
इसके मद्देनजर सरकार ने किसानों से खराब गुणवत्ता का गेहूं भी खरीदने की पहल की है. सरकार का कहना है कि खराब गेहूं की खरीद पर मूल्य में अधिकतम कटौती 37.18 रुपये प्रति कुंतल की दर से होगी. इस कटौती का भुगतान किसान की जगह सरकार करेगी. कृषि विभाग के इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है.