ब्यूरो रिपोर्ट…. डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों में अगर लंबे समय से ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं हो पा रहा है, तो उससे जटिलताएं होने लगती है। जिसमें एक डायबिटिक अल्सर भी है, जिसके कारण पैरों में छाले पड़ने लगते हैं।
Diabetes में छाले क्यों होते हैं?
डायबिटीज (Diabetes) एक सामान्य, लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या भी जिसमें शरीर रक्त शर्करा ब्लड शुगर को सही तरीके से नियंत्रित नहीं कर पाता। यह दो प्रकार की होती है, टाइप 1 और टाइप 2। यदि नियंत्रित न किया जाए, तो यह विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है और गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। लेकिन डायबिटीज के रोगियों में एक सामान्य समस्या, जो अक्सर बिना ध्यान दिए हो सकती है, वह है पैरों में छाले । ये छाले त्वचा पर छोटे फफोले के रूप में उभरते हैं और अक्सर बिना किसी स्पष्ट चोट या घर्षण के बन सकते हैं। डायबिटीज के कारण नसों में खराबी न्यूरोपैथी और रक्त संचार में समस्या होती है, जिससे शरीर के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर पैरों में संवेदनशीलता कम हो जाती है। इसके अलावा, उच्च रक्त शर्करा का स्तर इम्यून प्रणाली को कमजोर कर देता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है और छाले आसानी से बन सकते हैं। मगर यह किस कारणों से होते हैं और इससे कैसे निपटा जाए आइए जाने।
नसों की समस्या
डायबिटीज (Diabetes) के कारण नसों में खराबी हो सकती है, जिसे ‘न्यूरोपैथी’ कहा जाता है। यह नसों के कार्य को प्रभावित करता है और त्वचा को तंत्रिका संवेदनाओं से जोड़ने में समस्या होती है, जिससे जलन, घर्षण या चोट का अहसास नहीं होता। इसका परिणाम यह होता है कि छाले या फफोले जल्दी बन सकते हैं, क्योंकि व्यक्ति को किसी भी नुकसान का पता नहीं चलता।
खून की संचारण समस्या
डायबिटीज (Diabetes) के कारण रक्त वाहिकाओं में संकुचन हो सकता है, जिससे रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप त्वचा को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता, जिससे उसकी मरम्मत और रक्षा क्षमता कमजोर हो जाती है। इससे छाले और अन्य त्वचा समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। डायबिटीज के मरीजों में अक्सर खून का संचारण सही नहीं हो पाता है और इसके कारण भी छाले व फफोले बनने लगते हैं।
फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण
उच्च रक्त शर्करा के कारण शरीर की इम्यून प्रणाली कमजोर हो सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित नहीं कर पाती और यह संक्रमण छालों या फफोले के रूप में उभर सकता है, विशेषकर पैरों में। इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण इन्फेक्शन का खतरा भी काफी रहता है।
हाइजीन का ध्यान न रखना
डायबिटीज के रोगियों को अपने पैरों की सफाई पर खास ध्यान देना चाहिए, क्योंकि गंदगी और नमी पैरों में संक्रमण और छालों का कारण बन सकती है। नियमित रूप से पैरों को धोकर सुखा रखना जरूरी है, ताकि फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण से बचा जा सके।