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ये चार Yogasana के अभ्यास जीवन में लाएंगे सकारात्मक परिवर्तन, जानिए इस रिपोर्ट में…..

ये चार Yogasana के अभ्यास जीवन में लाएंगे सकारात्मक परिवर्तन, जानिए इस रिपोर्ट में.....

ब्यूरो रिपोर्टः आज हम बात करेंगे योगासन (Yogasana ) के बारे में दरअसल मानसिक और शारीरिक सेहत को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नियमित योगाभ्यास (Yogasana ) की सलाह दी जाती है। योग शरीर को की तरह की बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। वैसे तो कई अलग अलग तरह के योगासन हैं जो शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत पर अलग अलग असर करते हैं लेकिन इनमें सूर्य नमस्कार बेसिक और पहले चरण का आसान योगाभ्यास (Yogasana ) है।

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Yogasana के अभ्यास जीवन में लाएंगे सकारात्मक परिवर्तन

सूर्य नमस्कार के लिए न तो किसी उपकरण की जरूरत होती है, ओर ना ही जगह व समय की सीमा होती है। सही तरीके से कहीं पर भी कभी भी सूर्य नमस्कार का अभ्यास करते सेहत के लिए अनगिनत फायदे पा सकते हैं। आपको बता दे कि सूर्योदय करते समय सूर्य नमस्कार करना सबसे बेहतर माना जाता है। सूर्य नमस्कार को करने से पहले शरीर को अच्छे से वार्म अप कर लेना चाहिए।

सूर्य नमस्कार करने का तरीका

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दरअसल सूर्य नमस्कार करने में शरीर के 10 अंग एक के बाद एक काम में आते हैं। वहीं कुल 12 चरणों में आठ तरह के आसन मिलकर एक सूर्य नमस्कार को पूरा करते हैं। यहां आपको सूर्य नमस्कार की चार स्थितियों के अभ्यास के बारे में बताया जा रहा है।


आज्ञा चक्र

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बता दे कि सूर्य नमस्कार करने के लिए दोनों हाथों को जोड़कर सीधा खड़े हो जाए। अब आंखें बंद कर लें।

विशुद्धि चक्र

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बता दे कि श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की ओर सीधा करें। भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुका लें।

मणिपूरक चक्र

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बता दे कि इसके बाद श्वास को धीरे धीरे बाहर की ओर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। इस दौरान हाथों को गर्दन और कानों से सटाकर रखते हुए नीचे पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी को छुएं। इस दौरान गर्दन सीधी रखें।

विशुद्धि चक्र

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बता दे कि इस अवस्था में श्वास को भरते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं और छाती को खींचकर आगे की ओर तानें। गर्दन को अधिक पीछे की ओर झुका लें और पैरों को सीधी रखते हुए पीछे की ओर खिचाव करते हुए पंजों पर खड़े रहें। इस अवस्था में कुछ देर रूकें।

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