ब्यूरो रिपोर्टः तमिलनाडु (Tamil Nadu) में मूर्ति चोरी के मामलों में 41 एफआईआर फाइलों का गायब होना चौंकाने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने तमिलनाडु सरकार के गृह विभाग के सचिव को हलफनामा दाखिल करने और सरकार का रुख स्पष्ट करने के लिए 31 जनवरी, 2025 तक का समय दिया है।
Tamil Nadu में 41 एफआईआर फाइल गायब
तमिलनाडु (Tamil Nadu) में मूर्ति चोरी से जुड़े मामलों में 41 FIR फाइलों के गायब होने से एक बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया है। मूर्ति चोरी के मामले लंबे समय से राज्य में चिंता का विषय बने हुए हैं, और इन चोरी की घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार और पुलिस दोनों को सक्रिय रहना चाहिए था। लेकिन जब अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए इन FIRs के गायब होने पर सवाल उठाया, तो यह स्थिति और भी चिंताजनक हो गई। हालाकिं इसमें शामिल मूर्तियों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 300 करोड़ रुपये से अधिक है। इन मामलों में आगे कोई प्रगति नहीं हुई है। यह सरासर सरकार की लापरवाही है।
अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि 41 FIRs गायब क्यों हो गईं, और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देने के लिए निर्देश दिए। अदालत ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मूर्ति चोरी के मामलों की जांच सही तरीके से की जाए और दोषियों को सजा मिले। ये FIRs तमिलनाडु (Tamil Nadu) के विभिन्न मंदिरों से मूर्तियों की चोरी और धार्मिक स्थलों पर अपराधों से संबंधित थीं। राज्य सरकार को अब अदालत के आदेश के बाद जवाब देना होगा और यह स्पष्ट करना होगा कि ये FIRs कहां गायब हुईं।
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तमिलनाडु (Tamil Nadu) में मंदिरों से मूर्तियों की चोरी को लेकर पिछले कुछ वर्षों में कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें प्रमुख रूप से पुरानी और ऐतिहासिक मूर्तियों का चोरी होना शामिल है। इस मामले में पुलिस और प्रशासन की लापरवाही ने और अधिक सवाल खड़े किए हैं, जिससे राज्य में कानून और व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।