पानीपत : रविवार को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक महिला सिपाही ने आत्महत्या कर ली। इसी के साथ एक सवाल आज फिर लोगों के जेहन में बार-बार कौंध रहा है कि क्या हो गया है UP के वर्दीधारियों को? वैसे यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी ऐसी बहुत सी घटनाएं देश के लगभग हर कोने में हो ही जाती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के पुलिस कर्मचारियों की आत्महत्या (Suicide In UP Police) के आंकड़े कुछ ज्यादा ही हैरान और परेशान कर देने वाले हैं। पढ़ें वो घटनाएं, जिनमें ASP समेत UP Police के 9 कर्मचारी गंवा बैठे अपनी जान…
29 मई 2018 : लखनऊ में उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (UP ATS) में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) राजेश साहनी ने अपने ऑफिस में सरकारी पिस्टल से गोली मार ली थी। मौत पर सवाल उठे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी जांच सीबीआई को दी थी, लेकिन सीबीआई ने जांच करने से इनकार कर दिया।
9 जून 2018 : हरदोई में डायल 100 में तैनात दारोगा राजरतन वर्मा ने लखनऊ के आलमबाग स्थित क्वार्टर में गोली मार ली। यहां भी विभागीय उत्पीडऩ की बात सामने आई।
30 अगस्त 2019 : सुरक्षा मुख्यालय में तैनात हेड कांस्टेबल देवी शंकर मिश्रा ने कथित तौर पर विभागीय उत्पीडऩ से परेशान होकर आत्महत्या कर ली।
8 अक्टूबर 2019 : लखनऊ के आलमबाग में सिपाही राज रतन वर्मा की आत्महत्या में सामने आया कि 20 घंटे की शिफ्ट से परेशान थे। दो सितंबर 2019-सहारा स्टेट में रिश्तेदार के घर तबादले से परेशान एएसआई धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने आत्महत्या कर ली।
6 नवंबर 2019 : 112 मुख्यालय में तैनात मूलरूप से जौनपुर के 42 वर्षीय दारोगा बृजेश कुमार प्रचेता ने पारा के आदर्श विहार में पत्नी से झगड़े के बाद फंदा लगाकर जान दे दी थी।
1 जनवरी 2021 : बुलंदशहर में अनूपशहर कोतवाली में तैनात शामली की रहने वाली महिला सब इंस्पेक्टर आरजू ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। शाम 7 बजे ड्यूटी से लौटी और रात करीब 9 बजे खाने वक्त नहीं आने पर देखा तो कमरे में लाश थी।
10 जून 2021 : एटा के पुलिस लाइन मैदान में बुलंदशहर के जलापुर करीरा के 28 वर्षीय सचिन चौधरी ने पेड़ पर गमछे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। कई महीने से गैरहाजिर चल रहे होने के कारण दो दिन पहले ही रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। बाद में लाश मिली।
4 सितंबर 2022 : बुलंदशहर में अनूपशहर क्षेत्र के गांव करनपुर निवासी 25 वर्षीय कॉन्स्टेबल नरेश उर्फ दिनेश कुमार ने नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। फिरोजाबाद जेल का यह कर्मचारी 3 माह की मैडिकल लीव पर चल रहा था।
20 नवंबर 2023 : बुलंदशहर के गांव खाद मोहननगर में महिला कांस्टेबल चंचल ने आत्महत्या कर ली। पीलीभीत में तैनात महिला पुलिसकर्मी 5 माह पहले मैटरनिटी लीव पर अपनी ससुराल आई थी और दो महीने पहले ही बेटे को जन्म दिया था।
14 जुलाई 2024 : बुलंदशहर जिले के महिला थाने में तैनात कासगंज की रहने वाली शशि नामक महिला सिपाही ने किराये के मकान में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पड़ोसी उसे परेशान बता रहे हैं और आए दिन कोई न कोई पुलिस वाला उसे समझाने के लिए आता रहता था। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
पुलिस प्रशासन को सोचना चाहिए
जहां तक कारण की बात है, सबके अलग-अलग कारण दर्ज हुए। दूसरी ओर सोचा जाए तो आपके काम के माहौल का घर पर भी असर पड़ता है। पुलिस के साथ एक नारा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा ही होता है, ‘सेवा-सुरक्षा-सहयोग’। दूसरे अपराध रोकने के साथ-साथ आत्महत्या को रोकना भी एक तरह से पुलिस वालों का ही काम होता है, लेकिन अगर पुलिस वाले ही आत्महत्या करने लग जाएं तो फिर आम आदमी का क्या? आज हम इन्हीं गड़े मुर्दों को उखाड़ रहे हैं, ताकि पुलिस प्रशासन इस मसले पर सोचना शुरू करे।
News 80 पर देश-दुनिया की और ताजा-तरीन खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें