के पी मलिक (वरिष्ठ पत्रकार)
नई दिल्ली। पश्चिम उत्तर प्रदेश में गन्ना भुगतान ना होने से गन्ना किसान हलकान है। किसान चीनी मिलों, सड़कों और जिला प्रशासनिक कार्यालय पर धरना प्रदर्शन और आंदोलन करने के बाद भी राहत नहीं मिलने से आहत होकर चीनी मिल मालिकों के घरों तक पहुंच गए हैं। आज सैंकड़ों किसान बसों और कारों में भरकर बागपत की मलिकपुर लायन शुगर मिल के मालिक उमेश मोदी के दिल्ली आवास, अमृता शेरगिल रोड पर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। जहां से दिल्ली पुलिस प्रशासन द्वारा उनको उठा कर उनको मंदिर मार्ग थाने में ले जाया गया।
गन्ना किसानों का उमेश मोदी के घर के बाहर प्रदर्शन !
पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान कंवरपाल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का गन्ना किसान पिछले साल के बकायों को लेकर हलकान है, सरकार कान में तेल डालकर सोई हुई है और मिल मालिक चीनी के अलावा अपने अन्य उत्पाद बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं और किसानों को पैसा नहीं दे रहे हैं। किसानों को अपने घर खर्चे बड़े बुजुर्गों की बीमारी बच्चों के स्कूल की फीस और शादी विवाह का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। गन्ना किसानों की हालत बहुत खराब है हम सरकार को चेतन चाहते हैं कि सरकार ने अगर जल्दी इस पर ध्यान नहीं दिया तो आगम में चुनाव में किसान इसका जवाब वोट की चोट से देंगे।
दरअसल उत्तर प्रदेश की कई निजी मिलों पर प्रदेश की धरना किसानों का सैकड़ो करोड़ रुपया बकाया है। लेकिन ना ही निजी सीलिंग मिलन के मालिकों और सरकार के कान पर जून रंग रही है पड़ोसी जिले शामली में पिछले कई महीनो से धरना प्रदूषण चल रहा है लेकिन सरकार लेकिन नहीं कर रही है। ज़िले बागपत की मलकपुर चीनी मिल पर किसानों का करीब 336 करोड़ रूपए से अधिक बकाया है।
जिसमें वर्ष 2022-2023 पैराई सत्र का व चालू वर्ष 2023-24 का क़रीब 32 करोड़ रूपए का गन्ना भुगतान नहीं हो पा रहा है। जिससे त्रस्त किसान आज मिल मालिक उमेश मोदी के दिल्ली आवास पर अपना विरोध जताने धरना प्रदर्शन करने पहुंचे और कहा जब तक मुलाकात कर भुगतान करने का आश्वासन नहीं मिलेगा तब तक धरना देंगे। भीड़ को बढ़ता देख दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर मंदिर मार्ग थाने में किसानों को बंद किया।