ब्यूरो रिपोर्ट: चौधरी चरण सिंह (chaudhary charan singh) प्रतिमा का अनावरण करके सीएम योगी… यूपी में 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ दल भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत काम करना शुरू कर दिया है। एक ओर राम मंदिर के मुद्दे को लेकर पार्टी चुनाव में सियासी लाभ उठाने की तैयारी में है तो दूसरी ओर क्षेत्रवार स्थानीय मुद्दों को धार दी जा रही है। पार्टी ने पश्चिमी यूपी में जाट मतदाताओं को साधने पर फोकस भी किया है।
पार्टी ने पहले चौधरी भूपेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जाट मतदाताओं को साधने की कोशिश की, वहीं अब सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को चौधरी चरण सिंह (chaudhary charan singh) की प्रतिमा का अनावरण करके एक बड़ा सियासी संदेश देने जा रहे हैं. सीएम योगी मुरादाबाद में किसान दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
chaudhary charan singh की जयंती
जाट सभा ने किसान नेता चौ चरण सिंह (chaudhary charan singh) की जयंती पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। कार्यक्रम में एक लाख तक लोगों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है। आयोजकों ने सभी जाट और किसान नेताओं को कार्यक्रम में आने का का न्योता भेजा है सीएम योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम के दौरान भाजपा के सियासी एजेंडे को धार देते नजर आएंगे। अहम बात ये है कि इस कार्यक्रम को चौधरी चरण सिंह की विरासत पर हक जताने वाली रालोद पर भाजपा की दबाव की राजनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है। हालांकि कार्यक्रम का निमंत्रण रालोद RLD प्रमुख जयंत चौधरी को भी भेजा गया है।
चौधरी चरण सिंह(chaudhary charan singh)स्मारक एवं शिक्षण संस्थान ट्रस्ट ने बडी प्रतिमा का निर्माण कराया है। प्रतिमा निर्माण का काम 7 बीघा जमीन खरीद कर एक साल के अन्दर किया गया। 5 मंजिला जाट भवन, वृद्धा आश्रम और एक ऑडिटोरियम 100 बेड का भी बन रहा है। दरअसल भाजपा रणनीति नहीं चाहती कि इस बार विपक्ष इस क्षेत्र में एक बार फिर उस पर हावी हो। इसलिए यहां पर फोकस किया जा रहा है।
ये वजह है कि भाजपा ने पश्चिमी यूपी में जाट मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए मुरादाबाद से संबंध रखने वाले चौ भूपेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी। साथ ही सपा के इस गढ़ में उसे चुनौती देने के लिए सुभाष यदुवंश को पश्चिमी यूपी का प्रभारी बनाया गया है। चौधरी चरण सिंह (chaudhary charan singh) की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ किसान सम्मेलन के जरिए एक साथ कई समीकरण साधने की कोशिश भी की जा रही है. भाजपा अपने इस दांव के जरिए सपा के साथ रालोद की भी घेराबंदी करने की कोशिश कर रही है।