ब्यूरो रिपोर्टः संभल (Sambhal) शिव मंदिर के समीप स्थित एक कुएं की खोदाई में तीन प्राचीन मूर्तियां मिलने से क्षेत्र में हलचल मच गई है। संभल में शिव मंदिर परिसर में स्थित प्राचीन कुएं की खोदाई के दौरान भगवान शिव, गणेश और माता पार्वती की खंडित मूर्तियां मिली हैं। हालाकिं पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मूर्तियों को अपने संरक्षण में ले लिया है। संभल (Sambhal) में अपर पुलिस अधीक्षक श्रीशचंद ने बताया कि कुएं की खोदाई के दौरान भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की टूटी हुई मूर्तियां मिली हैं।
Sambhal में 46 वर्षों से बंद शिव मंदिर
घटना का विवरण
मूर्तियों की खोज: कुएं की खुदाई के दौरान कुछ प्राचीन मूर्तियां निकल आईं, जिनमें से एक शिवलिंग और दो अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं। इन मूर्तियों को देखकर स्थानीय लोग आश्चर्यचकित रह गए।
मूर्तियों की स्थिति: इन मूर्तियों की स्थिति से यह प्रतीत होता है कि ये बहुत पुरानी हैं और संभवतः किसी प्राचीन मंदिर से संबंधित हो सकती हैं। मूर्तियों का आकार और उनके उकेरे गए डिज़ाइन से यह संकेत मिलता है कि ये भारतीय पुरातात्विक महत्व की हो सकती हैं।
पुलिस का हस्तक्षेप: सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इन मूर्तियों को कब्जे में लिया और सुरक्षा के लिए उन्हें स्थानीय थाने में भेज दिया। पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और मूर्तियों के सही इतिहास और उनके खंडन (damage) का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों से राय लेने की योजना बनाई है
मूर्तियों के खंडन के बारे में
प्राकृतिक क्षति: मूर्तियों की पुरानी अवस्था को देखते हुए, यह संभव है कि समय और वातावरण के प्रभाव से उनका खंडन हुआ हो। प्राचीन मूर्तियों पर मौसम, मिट्टी और पानी का प्रभाव पड़ने से उनका संरचनात्मक नुकसान हो सकता है।
मानव गतिविधियां: यह भी संभव है कि इन मूर्तियों का खंडन मानवीय गतिविधियों के कारण हुआ हो, जैसे कि अज्ञानता, अव्यवस्था या किसी अन्य कारण से इन मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया हो।
संवेदनशीलता: प्राचीन मूर्तियों को संभालने और उनका संरक्षण करने में बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। इन मूर्तियों के खंडित होने से यह भी संकेत मिल सकता है कि इन्हें ठीक से सुरक्षित नहीं किया गया था।
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संभल (Sambhal) में इससे पहले भगवान शिव के परिवार की मूर्तियों को वस्त्र धारण कराए गए और हनुमान जी की प्रतिमा को चोला पहनाया गया। स्थानीय लोग इस मंदिर को 200 वर्षों से भी अधिक पुराना मानते हैं। मंदिर की जर्जर स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन और श्रद्धालुओं ने पहल शुरू कर दी है। संभल (Sambhal) में यह घटना स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकती है, जिससे यह समझने की कोशिश की जाएगी कि इस क्षेत्र में प्राचीन सभ्यता या धार्मिक स्थानों की उपस्थिति हो सकती है।