ब्यूरो रिपोर्ट: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था। (RLD) और इस सेमीफाइनल में 3 राज्यों में बीजेपी ने बाजी मारकर सगुन की मिठाई का स्वाद चख लिया। लेकिन ये स्वाद बीजेपी के साथ-साथ RLD को भी चखने को मिला हैं। भले ही राजस्थान में कांग्रेस जीत नहीं पाई लेकिन गठबंधन में एक सीट पाने वाली RLD ने भरतपुर की सीट जीतकर सेमीफाइनल से फाइनल यानी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति के लिए एक पायदान और बढ़ा लिया हैं।
जयंत (RLD) की नसीहत या नाराजगी
लेकिन इस जीत के साथ – साथ जयंत चौधरी ने ख़ुशी जाहिर की तो वही कांग्रेस की इस योजना पर भी जयंत ने नारजगी जता दी। बता दे की राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजों से साफ हो चुका है कि प्रदेश में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब हो गईं. राजस्थान की भरतपुर विधानसभा सीट पर RLD उम्मीदवार डॉ सुभाष गर्ग ने बीजेपी प्रत्याशी विजय बंसल को 5180 वोटों से हराकर जीत का स्वाद चख लिया है. इस जीत की ख़ुशी का इजहार बाकायदा जयंत चौधरी ने सोशल पर पोस्ट करते हुए किया हैं। जयंत चौधरी ने लिखा कि “भरतपुर की जनता को आभार, दुबारा मौका दिया है।
पांच साल किसान-कमेरा, युवा के मुद्दों को आगे रखते हुए राजस्थान में राष्ट्रीय लोकदल को और मेहनत करनी होगी! वही इसके साथ ही जयंत चौधरी ने एक ओर ट्वीट करते हुए कांग्रेस की रही छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा चलाई गई योजना पर भी अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इस योजना को भरस्टाचार को बढ़ावा देने वाली योजना बताया हैं। जयंत ने दूसरी पोस्ट करते हुए लिखा की “२ रुपए/किलो गोबर खरीदने वाली सरकारी योजनाओं पर पूर्ण विराम लगना चाहिए।
(RLD) जयंत ने आगे लिखा कि ऐसी योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए कुछ नहीं करतीं बल्कि केवल भ्रष्टाचार के रास्ते बनाती हैं. सरकारें कई वैकल्पिक काम लटकी योजनाओं पर निर्णय ले सकती हैं जिनके लिए धन की आवश्यकता है। आपको बता दे कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो रालोद के प्रत्याशी को 52,869 वोट मिले थे और दूसरे नंबर पर बीजेपी उम्मीदवार रहे थे. जिनको 37,159 मत मिले थे।
और इससे पहले 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में लगातार इस सीट पर दो बार बीजेपी को जीत मिली थी. हालांकि अब इस सीट पर राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने फिर से जीत दर्ज की है। जयंत चौधरी के लिए इस सीट पर जीत मिलने की वजह से ही उनको सेमीफाइनल की मिठाई का स्वाद चखने को मिला हैं। मतलब अब तक कांग्रेस के साथ सत्ता के सुख के बाद विपक्ष की भूमिका में RLD राजस्थान में होंगी। लेकिन सवाल ये भी हैं की क्या छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की इस योजना पर सवाल उठाकर जयंत आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कोई राजनितिक संकेत भी दिए हैं।