ब्यूरो रिपोर्टः मीरापुर से निर्वाचित विधायक मिथलेश पाल (Mithlesh Pal) और 14 अन्य लोग यातायात बाधित करने के एक मामले में शुक्रवार को उनके आरोप सामने आये, जिसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट में आरोप तय किए गए। मिथलेश पाल (Mithlesh Pal) के खिलाफ यह मामला उनके विधानसभा क्षेत्र में कुछ विवादास्पद घटनाओं से जुड़ा हुआ है।
RLD विधायक Mithlesh Pal की बढ़ी मुश्किलें
2019 में हुई एक घटना में मिथलेश पाल के खिलाफ आरोप था कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने एक समूह के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। इसके परिणामस्वरूप पुलिस ने उनके खिलाफ खिलाफ दंगा भड़काने, बंधक बनाने जैसे विभिन्न गंभीर आरोप लगाए थे। कोर्ट ने इस मामले में अब तक की जांच और सबूतों के आधार पर आरोप तय किए हैं। इससे पहले भी इस मामले की सुनवाई में कई बार देरी हुई थी, लेकिन अब अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए विधायक के खिलाफ आरोप तय किए हैं। आगामी सुनवाई में इस मामले पर विस्तार से सुनवाई होगी और इस पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले को लेकर राजनीति में भी हलचल मची हुई है। विपक्षी पार्टियां इस फैसले को लेकर सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साध रही हैं। वहीं, विधायक मिथलेश पाल (Mithlesh Pal) ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इसे राजनीतिक साजिश का हिस्सा करार दिया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है और वे जल्द ही अदालत में अपने बेगुनाही को साबित करेंगे।
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रालोद विधायक मिथलेश (Mithlesh Pal) पाल के खिलाफ 5 साल पुराने इस मामले में आरोप तय होने के बाद उनकी स्थिति राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण से काफी जटिल हो गई है। अब देखना यह है कि कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले में क्या नया मोड़ आता है और क्या यह उनके राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करता है।