चंदौली (धर्मेंद्र कुमार) : उत्तर प्रदेश के चंदौली(Chandauli) जिले में स्थित डीडीयू (दीन दयाल उपाध्याय) रेल मंडल में प्रमोशन परीक्षा में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में दो वरिष्ठ अधिकारियों समेत 26 रेलकर्मियों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई की छापेमारी में अधिकारियों के घर से 1 करोड़ 17 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई है, जिससे पूरे रेल मंडल में हड़कंप मचा हुआ है।
चंदौली (Chandauli) में सीबीआई की कार्रवाई और बरामदगी
सीबीआई की टीम ने डीडीयू मंडल के सीनियर डिवीजनल इंजीनियर (परिचालन) सुशांत परासर और सीनियर डिवीजनल पर्सनल ऑफिसर (DPO) सुरजीत सिंह के अलावा 17 लोको पायलटों समेत कुल 26 रेलकर्मियों को हिरासत में लिया। छापेमारी के दौरान अधिकारियों के आवास से 1 करोड़ 17 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई। इसके अलावा, सीबीआई ने दोनों अधिकारियों के लैपटॉप और कार्यालय में रखे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
परीक्षा में प्रश्न उपलब्ध कराने के नाम पर वसूली
पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज में लोको निरीक्षक के 17 पदों के लिए विभागीय परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा में शामिल होने वाले 19 लोको पायलटों को नगर के कालीमहाल स्थित एक लॉन और सिद्धार्थपुर कॉलोनी में रेलकर्मियों के घरों में ठहराया गया था। सूत्रों के अनुसार, इन लोको पायलटों से परीक्षा के प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने के नाम पर 6 से 9 लाख रुपये की वसूली की गई थी।
सीबीआई की जांच और संभावित विस्तार
एक लोको पायलट द्वारा परीक्षा में पास कराने के नाम पर रुपये मांगे जाने की शिकायत के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की थी। जांच में डीडीयू मंडल के दो वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई है, जो कर्मचारियों से मोटी रकम वसूलते थे। सीबीआई की जांच अभी जारी है, और सूत्रों के अनुसार, हाजीपुर से लेकर दिल्ली रेलवे बोर्ड तक के कई अधिकारी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
रेल मंडल में हड़कंप
सीबीआई की इस कार्रवाई से डीडीयू रेल मंडल में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी और कर्मचारी इस भ्रष्टाचार के मामले में और किन-किन लोगों की संलिप्तता है, यह जानने के लिए उत्सुक हैं। सीबीआई की जांच के बाद और भी कई राज सामने आने की संभावना है, जिससे इस मामले का दायरा और बढ़ सकता है।(Chandauli)
टीम का योगदान
सीबीआई की इस कार्रवाई में अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इनकी सतर्कता और प्रयासों से यह बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हो सका, जिससे रेलवे विभाग की छवि को सुधारने में मदद मिलेगी।(Chandauli)
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चंदौली(Chandauli) में रेलवे प्रमोशन परीक्षा में हुए इस भ्रष्टाचार के मामले ने एक बार फिर सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर किया है। सीबीआई की जांच से उम्मीद है कि इस मामले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, जिससे भविष्य में ऐसे कृत्यों पर रोक लग सके।