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PM Modi हुए एआई शिखर सम्मेलन में शामिल, भारत को क्या होगा इससे फायदा?

PM Modi हुए एआई शिखर सम्मेलन में शामिल, भारत को क्या होगा इससे फायदा?

ब्यूरो रिपोर्ट… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) इन दिनों तीन दिवसीय फ्रांस दौरे पर हैं, जहां वह एआई शिखर सम्मेलन की सह अध्यक्षता करने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण रक्षा और परमाणु समझौतों पर चर्चा करेंगे. इस यात्रा से भारत को अत्याधुनिक तकनीक, सामरिक रक्षा क्षमताओं और ऊर्जा क्षेत्र में बड़े लाभ मिलने की उम्मीद है।

 

PM Modi हुए एआई शिखर सम्मेलन में शामिल, भारत को क्या होगा इससे फायदा?

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) अपनी तीन दिवसीय फ्रांस यात्रा पर हैं, जहां वह महत्वपूर्ण रक्षा, परमाणु और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  से जुड़े समझौतों पर चर्चा करेंगे. इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे. भारत के लिए यह यात्रा कई रणनीतिक क्षेत्रों में नए समझौतों की नींव रख सकती है, खासकर 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद और परमाणु ऊर्जा सहयोग को लेकर दोनों नेता फ्रांस के ऐतिहासिक शहर मार्सिले में भारत के नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन भी करेंगे।

पीएम मोदी (PM Modi) की इस यात्रा से भारत और फ्रांस के संबंधों को और मजबूती मिलेगी. इसके अलावा, प्रधानमंत्री अमेरिका भी जाएंगे, जहां वह अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. यह यात्रा भारत के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है.

 

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फ्रांस में PM Modi की व्यस्त यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की यात्रा की शुरुआत 10 फरवरी को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा आयोजित विशेष रात्रिभोज से हुई. इस दौरान पीएम मोदी और मैक्रों ने आपसी संबंधों को लेकर गहन चर्चा की. 11 फरवरी को पीएम मोदी और मैक्रों ‘एआई एक्शन समिट’ की संयुक्त अध्यक्षता करेंगे. इस सम्मेलन का उद्देश्य एआई के नैतिक, सुरक्षित और समावेशी उपयोग को सुनिश्चित करना है.

एआई शिखर सम्मेलन में किन मुद्दों पर चर्चा होगी?

यह एआई एक्शन समिट का तीसरा संस्करण है और इसमें 100 से अधिक देशों के नेता, सीईओ और तकनीकी विशेषज्ञ भाग लेंगे. प्रमुख प्रतिभागियों में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, चीनी उप प्रधानमंत्री झांग गुओकिंग, ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई शामिल हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इस सम्मेलन पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “भारत और फ्रांस दो महान शक्तियां हैं, और हमारे बीच तकनीकी संप्रभुता को बढ़ावा देने की एक विशेष साझेदारी है. हम अमेरिका और चीन के साथ काम करना चाहते हैं लेकिन पूरी तरह उन पर निर्भर नहीं रहना चाहते।

 

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रक्षा और परमाणु समझौते पर बड़ा ऐलान संभव

भारत और फ्रांस के बीच रक्षा और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में बड़े समझौतों की उम्मीद की जा रही है. भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों के सौदे पर अंतिम मुहर लग सकती है. यह सौदा 7 अरब यूरो का बताया जा रहा है, जिससे भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. रक्षा सहयोग के अलावा, भारत-फ्रांस परमाणु ऊर्जा साझेदारी को भी और मजबूत करने पर जोर देगा. पीएम मोदी (PM Modi) और मैक्रों 12 फरवरी को कैडारैचे में स्थित अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) का दौरा करेंगे, जहां स्वच्छ परमाणु ऊर्जा पर सहयोग को लेकर चर्चा होगी।

 

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मार्सिले में वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन और युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि

पीएम मोदी और मैक्रों फ्रांस के ऐतिहासिक शहर मार्सिले में भारत के नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा, दोनों नेता मार्सिले के मजारग्यूज युद्ध कब्रिस्तान में प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.

भारत-फ्रांस संबंध होंगे और मजबूत

पीएम मोदी (PM Modi) और राष्ट्रपति मैक्रों की इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच व्यापार, विज्ञान, तकनीकी सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर भी चर्चा होगी. भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में दोनों देश अपने कारोबारी संबंधों को नई ऊंचाई देने की योजना बनाएंगे. पीएम मोदी की यह यात्रा भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने वाली साबित हो सकती है. एआई शिखर सम्मेलन से लेकर रक्षा और परमाणु ऊर्जा सौदों तक, इस यात्रा में कई अहम घोषणाएं संभव हैं, जो भारत के वैश्विक प्रभाव को और मजबूत करेंगी।

 

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