ब्यूरो रिपोर्टः पवन कल्याण (Pawan Kalyan) जो एक प्रमुख तेलुगू अभिनेता और जन सेना पार्टी के अध्यक्ष हैं, ने हाल ही में बांगलादेश में हो रही हिंसा और धार्मिक उत्पीड़न के संदर्भ में अपनी चिंता व्यक्त की। बांगलादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा, मंदिरों पर हमले, और धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के बढ़ते मामलों को लेकर पवन कल्याण (Pawan Kalyan) ने दुनिया भर में मौन रहने पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
Pawan Kalyan ने चिन्मय कृष्ण दास
पवन कल्याण (Pawan Kalyan) ने इसे एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन और धार्मिक असहिष्णुता का मामला बताया। उन्होंने कहा कि बांगलादेश में हिंदू समुदाय, विशेष रूप से देवी-देवताओं के पूजा स्थलों पर हो रहे हमले और हिंसा, वैश्विक चिंता का विषय बन चुके हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय और प्रमुख देशों की चुप्पी एक गंभीर चिंता का विषय है, जो इस मुद्दे की अनदेखी कर रहे हैं।
पवन कल्याण की प्रमुख चिंताएं:
- धार्मिक असहिष्णुता: पवन कल्याण ने बांगलादेश में हिंदू धर्म के अनुयायियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और उत्पीड़न की कड़ी निंदा की। उनका कहना था कि इस तरह के हमले किसी भी सभ्य समाज में अस्वीकार्य हैं।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी: पवन कल्याण ने सवाल उठाया कि क्यों बांगलादेश में हो रहे इन घटनाओं पर दुनिया भर के देशों और संगठनों की चुप्पी है, जबकि यह मुद्दा मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है। उन्होंने इसे ‘मानवाधिकारों का उल्लंघन’ बताया और इसे ज्यादा ध्यान और कार्रवाई की आवश्यकता का मुद्दा बताया।
- राजनीतिक प्रतिक्रिया: उन्होंने भारतीय सरकार से भी यह आग्रह किया कि बांगलादेश के अंदर हो रही हिंसा पर तत्काल ध्यान दिया जाए और बांगलादेश सरकार से इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद की जाए।
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हाल के वर्षों में बांगलादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं, खासकर दुर्गा पूजा के दौरान जब कई मंदिरों और मूर्तियों पर हमले किए गए। पवन कल्याण (Pawan Kalyan) के इस बयान ने इस मुद्दे को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया और दुनियाभर में बांगलादेश में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर बहस को बढ़ावा दिया।