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Muzaffarnagar LokSabha seat: प्रत्याशी की बाइक खराब होने पर देरी नामांकन से रह गये वंचित…

Muzaffarnagar LokSabha seat: प्रत्याशी की बाइक खराब होने पर देरी नामांकन से रह गये वंचित...

ब्यूरो रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट (Muzaffarnagar) पर 19 अप्रैल को प्रथम चरण में चुनाव होना है। जिसके चलते कल बुधवार को यहां पर नामांकन की प्रक्रिया अपने निश्चित समय पर समाप्त हो गई थी। लेकिन इस दौरान एक निर्दलीय प्रत्याशी अपना नामांकन करने से उस समय वंचित रह गया जब उसकी मोटरसाइकिल ने उसे धोखा दे दिया। दरअसल शामली जनपद के निवासी एडवोकेट आनंद कुमार मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट (Muzaffarnagar) से अपना निर्दलीय नामांकन कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे.

Muzaffarnagar LokSabha seat: प्रत्याशी की बाइक खराब होने पर देरी नामांकन से रह गये वंचित...

लेकिन उनके सपनों पर उसे समय पानी फिर गया जब कल नामांकन के आखिरी दिन वह पर्चा भरने के लिए मुजफ्फरनगर जिला कलेक्ट्रेट पर अपनी बाइक से आ रहे थे उसी दौरान उनकी मोटरसाइकिल रास्ते में खराब हो गई। जिसके चलते एक घंटा लेट होने पर वह नामांकन करने से वंचित रह गए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात कर अपने दिल की पीड़ा बताते हुए कहा कि जब वह पर्चा भरने के लिए मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिला कलेक्टर पर आ रहे थे तो उनकी बाइक का रास्ते में क्लच का तार टूट गया था।

Muzaffarnagar LokSabha seat

जिसकी वजह से वह एक घंटा लेट होने पर अपना नामांकन नही कर पाए। एडवोकेट आनंद कुमार की माने तो वह लोकसभा क्षेत्र मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के कर्मठ व जुझारू निर्दलीय उम्मीदवार है, पर्चा भरने में थोड़ा लेट हो गया क्योंकि मेरी बाइक खराब हो गई एवं रास्ते में क्लच का तार टूट गया और किक टूट गई तो इसीलिए मैं एक घंटा लेट हो गया, हम जिला शामली के रहने वाले हैं एवं यहां से पर्चा दाखिल कर रहे थे, वजह यह है कि मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में 6 विधानसभा हैं और लोकसभा में तो पांच ही होती है तो काफी बड़ा जिला है वही हमारा जिला छोटा है क्योंकि इसमें से ही वह निकला है,

Muzaffarnagar LokSabha seat: प्रत्याशी की बाइक खराब होने पर देरी नामांकन से रह गये वंचित...

मैं जरा मोबाइल में बोल कर बता रहा हूं क्योंकि मैं मोबाइल में बोलकर ही बताऊंगा ऐसे नहीं बता सकता क्योंकि मेरे बताने से ही पता चलेगा, पहले नंबर पर बेरोजगारी दूर करने का समाधान करने का उद्देश्य, नंबर दो पर महिलाओं के लिए बस यात्रा फ्री करने का उद्देश्य, नंबर तीन है बूढ़े स्त्रियों एवं पुरुषों की पेंशन बनवाने का उद्देश्य, नंबर चार है किसानों को गन्ने का कोल्हू पर 400 एवं मिल पर 500 करने का उद्देश्य और गरीबों को सरकार से 10 लाख रुपए दिलाने का उद्देश्य, लड़की की शादी में 55000 चल रहे हैं

110000 करने का उद्देश्य एवं जिन लड़कियों के मां-बाप गुजर गए उन्हें ₹200000 देकर शादी कराने का उद्देश्य, 60 वर्ष से 70 वर्ष के बीच पुरुषों एवं महिलाओं का 10 लाख तक का बीमा कराने का उद्देश्य, जनता के लिए 5 वर्ष तक सुबह का नाश्ता वह लंच डिनर कराने के लिए व्यवस्था करना इसका मतलब अगर हम 5 वर्ष तक अपने कोटे से सांसद रहे तो खाना खिलाएंगे जिसमें ब्रेकफास्ट, लंच व डिनर होगा.

Muzaffarnagar LokSabha seat: प्रत्याशी की बाइक खराब होने पर देरी नामांकन से रह गये वंचित...

तो यह सभी उद्देश्य जीतने के तुरंत बाद संसद में पहुंचकर इन उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा, पर्चा नहीं भरा गया कोई बात नहीं मगर हिम्मत तो नहीं हारते एवं अगली बार देख लेंगे एवं विधानसभा क्षेत्र के भावी, कर्मठ व जुझारू उम्मीदवार फिर पधार रहे हैं, बस खाएंगे क्या वह तो मैं अपने आप देख लूंगा एवं इतना तो बजट है मेरे पास तो कहने का मतलब यही है कि मैं बहुत परेशान हूं इस वजह से पर्चा दाखिल नहीं हुआ।

 

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