Muzaffarnagar के कल्याण मंडप उद्घाटन में तकरार! सभासदों के नाम न होने से बढ़ा विवाद!
Muzaffarnagar के रुड़की रोड पर नवनिर्मित कल्याण मंडप भवन के उद्घाटन समारोह में एक बड़ा विवाद उत्पन्न हुआ। समारोह के दौरान सभासदों ने शिलापट्ट पर अपने नाम न होने को लेकर कड़ा विरोध जताया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। यह घटना बुधवार को हुई, जब सभासदों ने देखा कि शिलापट्ट पर उनका नाम नहीं था, जिसके बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले ने तकरार से बढ़कर गंभीर रूप ले लिया है।
Muzaffarnagar में शिलापट्ट पर सभासदों के नाम न होने से हुआ विरोध
शिलापट्ट पर सभासदों के नाम न होने के कारण विरोध की शुरुआत हुई। सभासदों का कहना था कि यह मंडप सभी शहरवासियों के लिए बनाया गया है और इसमें उनका भी महत्वपूर्ण योगदान था। उनका मानना है कि यदि उनके नाम का उल्लेख नहीं किया जाता, तो यह उनके प्रति अपमानजनक है।
शिलापट्ट विवाद – सभासदों का गुस्सा फूटा
जब सभासदों ने देखा कि शिलापट्ट पर उनका नाम नहीं था, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने जोरदार विरोध किया और आरोप लगाया कि नगर पालिका ने जानबूझकर उनका नाम नहीं डाला। उनके अनुसार, वे इस निर्माण कार्य में अहम भूमिका निभा रहे थे, और इसलिए उनका नाम शिलापट्ट पर होना चाहिए था।
नगर पालिका ईओ प्रज्ञा सिंह पर गंभीर आरोप
हंगामे के बीच सभासदों ने Muzaffarnagar नगर पालिका की ईओ प्रज्ञा सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि उन्हें उद्घाटन समारोह के बारे में देर रात करीब 11 बजे सूचना दी गई, जिसे वे अपमानजनक मानते हैं। एक सभासद ने कहा, “हमें रात में सूचना दी गई और सुबह यहां पहुंचने पर पता चला कि शिलापट्ट पर हमारा नाम ही नहीं है। यह जानबूझकर किया गया अपमान है।

साजिश का आरोप – सभासदों ने प्रज्ञा सिंह को घेरा
सभासदों ने आरोप लगाया कि नगर पालिका ने उन्हें जानबूझकर नीचा दिखाने की साजिश रची है। उनका कहना था कि उद्घाटन समारोह के बारे में उन्हें इतनी देर से सूचना दी गई, और इसके बाद उनके नाम का शिलापट्ट पर न होना, यह साफ दर्शाता है कि उनके साथ अपमान हुआ है।
टकराव की ओर बढ़ता विवाद
यह मामला अब सिर्फ तकरार तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि यह अब गंभीर टकराव की ओर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। सभासदों ने यह स्पष्ट किया है कि वे इस अपमान को स्वीकार नहीं करेंगे और इसके खिलाफ वे कानूनी कदम उठा सकते हैं। उनका कहना था कि इस घटना ने ना केवल उन्हें बल्कि पूरे शहर को अपमानित किया है, क्योंकि यह मंडप भवन सभी के लिए बनाया गया था।
कपिलदेव अग्रवाल का हस्तक्षेप – शांत करने की कोशिश
इस बीच, Muzaffarnagar से स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने शांति बनाए रखने के लिए सभासदों को शांत करने की कोशिश की। वीडियो में देखा गया कि उन्होंने सभासदों से हाथ जोड़कर शांति बनाए रखने की अपील की। हालांकि, यह विवाद अभी तक सुलझा नहीं है और मामला तनावपूर्ण बना हुआ है।
Muzaffarnagar में नवनिर्मित कल्याण मंडप भवन के उद्घाटन समारोह में शिलापट्ट पर सभासदों के नाम न होने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। सभासदों का आरोप था कि उन्हें जानबूझकर अपमानित किया गया, क्योंकि इस परियोजना में उनका भी योगदान था। उनका कहना था कि शिलापट्ट पर उनके नाम का उल्लेख होना चाहिए था, लेकिन ऐसा न होने से उनका अपमान हुआ।
इस विवाद ने अब तकरार से बढ़कर एक गंभीर टकराव का रूप ले लिया है। Muzaffarnagar की नगर पालिका की ईओ प्रज्ञा सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए गए, जिसमें देर रात सूचना देने और जानबूझकर उन्हें अपमानित करने का आरोप शामिल था। इस पूरे घटनाक्रम में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने हस्तक्षेप करते हुए शांति बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।
इस विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक उद्घाटन समारोहों में पूरी पारदर्शिता और सभासदों के योगदान का सम्मान किया जाना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।