ब्यूरो रिपोर्टः राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि धनखड़ सदन में पक्षपाती भूमिका निभा रहे हैं। उनका कहना है कि सभापति ने अपनी भूमिका का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया और सदन में विपक्षी आवाजों को दबाने का काम किया है।
Rajya Sabha में धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि राज्यसभा (Rajya Sabha ) के सभापति धनखड़ विपक्ष के सांसदों के साथ पक्षपाती व्यवहार कर रहे हैं और सरकार के प्रति अपनी निष्ठा का परिचय दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब विपक्षी सदस्य अपने मुद्दों को उठाते हैं, तो उन्हें बाधित किया जाता है, जबकि सरकार के सांसदों को पूरा समय दिया जाता है। उनका कहना था कि धनखड़ ने सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने की कोशिश की है और इसके कारण सदन में कामकाज प्रभावित हुआ है।
राज्यसभा (Rajya Sabha) में गतिरोध और कार्यवाही बाधित होने की घटनाएं हाल के दिनों में बढ़ गई हैं। विपक्ष का आरोप है कि कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस की अनुमति नहीं दी जा रही है, और सत्ता पक्ष के मंत्रियों को कठघरे में लाने की कोशिश करने वाले विपक्षी सांसदों को नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाकर रोक दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप, कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित की जा चुकी है, और राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है।
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राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विपक्षी दलों की बढ़ती नाराजगी और संसद में बढ़ते असहमति के संकेत हैं। यह घटना भारतीय राजनीति में नए गतिरोधों को जन्म दे सकती है, और भविष्य में संसद की कार्यवाही पर भी इसका असर पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि क्या अविश्वास प्रस्ताव पारित होता है और इसके बाद सभापति के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है, या फिर यह मुद्दा तात्कालिक विवाद के रूप में सुलझ जाता है।