MLA Office Firing Case: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के खानपुर में फायरिंग और झड़प का मामला अब और पेचीदा हो गया है। पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और खानपुर विधायक उमेश कुमार दोनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यह घटना राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और व्यक्तिगत दुश्मनी का एक बड़ा उदाहरण बनकर उभरी है।
घटना का विवरण: MLA Office Firing Case:
- फायरिंग और हिंसा:
- पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन पर आरोप है कि उन्होंने अपने समर्थकों के साथ खानपुर विधायक उमेश कुमार के कार्यालय में घुसकर फायरिंग की और मारपीट की।
- घटना का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें चैंपियन और उनके समर्थक हंगामा करते और मारपीट करते नजर आए।
- विधायक उमेश कुमार का वीडियो:
- दूसरी ओर, विधायक उमेश कुमार का भी एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह गुस्से में पिस्तौल लहराते नजर आ रहे हैं।
- पुलिस ने इस वीडियो के आधार पर विधायक उमेश कुमार और उनके समर्थकों को भी हिरासत में ले लिया।
- राजनीतिक विवाद:
- यह विवाद लंढौरा नगर पंचायत के चुनाव परिणामों के बाद भड़क उठा।
- पूर्व विधायक प्रणव सिंह ने सोशल मीडिया पर विधायक खानपुर उमेश कुमार और उनके परिवार पर तीखी टिप्पणियां की थीं। इसके जवाब में उमेश कुमार ने भी कटाक्ष किया था।
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इसी तनातनी के बीच यह हिंसक घटना सामने आई। MLA Office Firing Case:
पुलिस की कार्रवाई:
- गिरफ्तारी:
- पुलिस ने पहले कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को देहरादून से गिरफ्तार किया और फिर विधायक उमेश कुमार को भी हिरासत में लिया।
- जांच और सुरक्षा:
- पुलिस ने दोनों पक्षों के लाइसेंसी हथियारों का लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की है।
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एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने कहा कि मामले में शामिल सभी लोगों की पहचान की जा रही है और सख्त कार्रवाई की जाएगी। MLA Office Firing Case:
राजनीतिक तनाव और प्रभाव:
- विवाद का बढ़ता दायरा:
यह मामला राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से शुरू होकर हिंसा और कानूनी विवाद में बदल गया है। - उत्तराखंड Uttarakhand की कानून व्यवस्था पर सवाल:
राज्य की शांत छवि पर इस घटना ने बड़ा धक्का पहुंचाया है। - आगे की कार्रवाई:
- पुलिस की जांच जारी है, और प्रशासन दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील कर रहा है।
- इस घटना ने क्षेत्र की राजनीति को और गरमा दिया है।
यह फायरिंग और हिंसा की घटना केवल व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम नहीं है, बल्कि उत्तराखंड (Uttarakhand) की राजनीति में गहराते विवादों और बढ़ती असहिष्णुता का प्रतीक है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले को कैसे सुलझाता है और इसका राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।