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 LokSabha Elections: ये पार्टी खुद को मुस्लिमों की हितैषी साबित करने में जुटी, संगठन से प्रत्याशी तक दी जा रही तवज्जो…

 LokSabha Elections: ये पार्टी खुद को मुस्लिमों की हितैषी साबित करने में जुटी, संगठन से प्रत्याशी तक दी जा रही तवज्जो…

 ब्यूरो रिपोर्ट:   LokSabha Elections ..मुस्लिम वोट बैंक साधने के लिए बहुजन समाज पार्टी सारे जतन कर रही है। प्रत्याशियों के चयन से लेकर मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए बसपा सरकार में लाई गईं अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाओं का जमकर प्रचार किया ज रहा है। पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद की टीम दिल्ली कार्यालय में इस प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार यूपी में बदलते सियासी समीकरणों को देखते हुए बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशियों के बाद अब मतदाताओं पर भी फोकस करना शुरू कर दिया है।

 LokSabha Elections: ये पार्टी खुद को मुस्लिमों की हितैषी साबित करने में जुटी, संगठन से प्रत्याशी तक दी जा रही तवज्जो…

चुनाव ( Elections) को लेकर सोशल मीडिया पर बसपा सरकार में अल्पसंख्यकों के हित में किए गए उल्लेखनीय कार्यों का बखान किया जा रहा है। जल्द होने वाली मायावती और आकाश आनंद की रैलियों में भी इसका प्रचार करने की योजना बनाई गई है। बसपा के अब तक अधिकृत रूप से घोषित 37 प्रत्याशियों में से 9 मुस्लिम हैं। पार्टी ने सहारनपुर में माजिद अली, मुरादाबाद में मोहम्मद इरफान सैनी, रामपुर में जीशान खां, अमरोहा में मुजाहिद हुसैन, संभल में शौलत अली, पीलीभीत में अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू, आंवला में आबिद अली,  लखनऊ में सरवर मलिक और कन्नौज से इमरान बिन जफर को प्रत्याशी बनाया है।

LokSabha Elections

पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में बसपा ने हरिद्वार और नैनीताल में मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। हरिद्वार के प्रत्याशी जमील अहमद कासमी वर्ष 2012 में मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से बसपा से विधायक बने थे। वहीं, नैनीताल-उधमसिंहनगर सीट से अख्तर अली को टिकट दिया गया है। उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व प्रदेश में हुए नगर निकाय चुनाव (Elections) में बसपा ने मेयर पद के लिए 11 मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। पार्टी ने कई मुस्लिमों को जोनल कोऑर्डिनेटर भी बनाया है।

 LokSabha Elections: ये पार्टी खुद को मुस्लिमों की हितैषी साबित करने में जुटी, संगठन से प्रत्याशी तक दी जा रही तवज्जो…

इनमें मुनकाद अली, शमशुद्दीन राइन, नौशाद अली पार्टी में खासे ताकतवर हैं और अधिकतर प्रत्याशियों का चयन उनकी संस्तुति पर ही हो रहा है। बसपा सुप्रीमो ने इस बार जोनल कोऑर्डिनेटरों को ही प्रत्याशियों के चयन की घोषणा सार्वजनिक करने की जिम्मेदारी दे रखी है। मुख्तार अंसारी बसपा के टिकट पर विधायक बने तो वर्ष 2017 के लोकसभा चुनाव (Elections) के दौरान उनका पूरा कुनबा बसपा में शामिल हो गया।

इसी तरह माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता को प्रयागराज के मेयर का चुनाव (Elections) लड़वाने की भी पूरी तैयारी थी। बसपा सुप्रीमो का भले ही मुख्तार और अतीक से सियासी रिश्ता नहीं बचा था, फिर भी दोनों की मौत के बाद उन्होंने बयान देकर सबको चौंका दिया था। इससे पहले वह मुस्लिम नेताओं पर होने वाली प्रशासनिक कार्रवाइयों पर भी सवाल उठा चुकी हैं।

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