ब्यूरो रिपोर्टः 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर चल रही सियासी उठापटक के बीच इन दिनो प्रत्याशियो के नाम की चर्चा जोरो पर है, भले ही समाजवादी पार्टी ने यूपी की 16 लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी हो लेकिन उत्तर प्रदेश की अधिकतर सीटो पर संभावित प्रत्याशियो के नाम राजनीतिक गलियारो में गोता खा रहे है, आज हम चर्चा यूपी की वीवीआईपी कुशीनगर लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) पर करने जा रहे है, इस रिपोर्ट में हम बताएगे कि किस पार्टी से कौन संभावित प्रत्याशी कुशीनगर सीट से चुनावी ताल ठोकने जा रहा हैं।
Lok Sabha Elections को लेकर सियासत हुई तेज
लेकिन उससे पहले आपको इस सीट का राजनीतिक समीकरण क्या कहता हैं. वो आपको समझाते है , बता दे कि कुशीनगर सीट यूपी की वीवीआईपी सीटो में से एक है, जहां कुशीनगर को पहले पडरौना के नाम से भी जाना जाता था, आपको बता दे कि कुशीनगर में पूरे विश्व को शांति और करूणा का संदेश देने वाले भगवान बुद्द ने अपने भौतिक शरीर का परित्याग किया था. बौद्ध धर्म के प्रवर्तक भगवान महात्मा बुद्ध के महापरिनिर्वाण प्राप्त करने के कारण विश्व के एक दर्जन से अधिक देशों के बौद्ध धर्मावलंबी और पर्यटक हर साल कुशीनगर आते हैं।
देशी और विदेशी मोहमानों के बड़ी संख्या में कुशीनगर आने के कारण इस स्थान का अन्तर्राष्ट्रीय महत्व है। दरअसल कुशीनगर में बौद्ध धर्म को मानने वाले अधिकांश देशों के मंदिर बने हुए हैं, इसलिए इसे विदेशी मंदिरों का शहर भी कहा जाता है।बता दे कि कुशीनगर गन्ना बहुल इलाका है. बता दे कि किसान गन्ने के अलावा केला, हल्दी, मूंगफली का उत्पादन करते हैं. हालांकि कुशीनगर जिले में पहले दस चीनी मिलें थे, लेकिन सरकारों की लापरवाही के कारण 5 चीनी मिलें बंद हो गयीं, इस समय पांच चीनी मिले चल रही है।
चीनी मिलों के बंद होने से गन्ना किसान बेहाल हो गया. बंद पड़ी चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का करोड़ों रूपया आज भी बकाया है, जिसे पाने के लिए गन्ना किसान भटक रहे हैं. जिसका फायदा बिचौलिए उठाते हैं. पर्ची समय से ना मिलने की वजह से किसान औने-पौने दाम में अपना गन्ना बेचने को मजबूर हो जाते हैं. हल्दी और केला उपजाने के बाद मण्डी ना होने के कारण किसान बिचौलिओं के हाथ अपनी उपज बेचने को मजबूर है।
बता दे कि इस सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव (Lok Sabha Elections) हुए थे, यहां पर लंबे समय तक कांग्रेस का दबदबा रहा है, 1957 से लेकर 1967 तक इस सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर काशी नाथ पांडे चुने गए थे, 1971 में गेंदा सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, 1977 में राम धारी शास्त्री भारतीय लोक दल, 1980 में कुँवर चन्द्र प्रताप नारायण सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, 1984 में कुँवर चन्द्र प्रताप नारायण सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, और 1989 में बालेश्वर यादव जनता दल, 1991 से लेकर 1999 तक राम नगीना मिश्रा यहा भारतीय जनता पार्टी से लगातार सांसद रहे।
वही 2004 में बालेश्वर यादव राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से चुनाव (Lok Sabha Elections) में बाजी मार गए, 2009 में काग्रेंस उम्मीदवार रजतजीत प्रताप नारायण चुने गए, यह कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते थे, लेकिन 2014 की मोदी लहर में भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे राजेश पाण्डेय उर्फ गुड्डु ने उन्हें हरा दिया। बीजेपी ने 2019 में अपना उम्मीदवार बदलते हुए खड्डा से पूर्व विधायक रहे विजय दुबे को टिकट दिया, और एक बार फिर ये सीट अपने खाते में कर ली। अब वर्तमान में बीजेपी के विजय दूबे यहा से सासंद है।
बता दे कि कुशीनगर जिले में विधानसभा की 7 सीटें आती है जिसमें खड्डा विधानसभा, हाटा, पडरौना, रामकोला, तमकुहीराज, फाजिलनगर और कुशीनगर विधानसभा शामिल हैं। यहाँ अनुमानित जातीय समीकरण की बात करें तो, 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल आबादी 35,64,544 लाख है जिनमें पुरुषों की संख्या 18,18,055 और महिलाओं की सख्या 17,46,489 है।
ये तो हुई कुशीनगर लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) के राजनीतिक समीकरण की बात, अब एक नजर इस सीट पर 2024 में होने वाले संभावित प्रत्याशियों की करते हैं। बता दे कि कुशीनगर लोकसभा सीट पर बीजेपी की ओर से तीन नाम सामने आए है, जिसमें पहला नाम विजय दुबे का है जो इस समय यहां से सांसद है, दूसरा नाम RPN सिंह और तीसरा नाम राजेश पांडे का शामिल है, वही समाजवादी पार्टी की ओर से भी तीन नाम चर्चा में है, जिसमें पूर्व विधायक राधेश्याम सिंह और दूसरा नाम स्वामी प्रसाद मौर्या का चर्चाओं में है।
वही तीसरा नाम नथुनी कुशवाहा का भी संभावित प्रत्याशियो की लिस्ट में सामने आ रहा है, हालांकि इस सीट पर अभी तक बसपा की ओर से कोई भी नाम सामने नही आ रहा है, ऐसे में चर्चाओं में चल रहे ये संभावित प्रत्याशी टिकट पाने की जुगत में लगे हुए है, ऐसे में देखना यही होगा कि लोकसभा चुनाव में किन प्रत्याशियो के नाम पर फाइनल मुहर लगती है।