ब्यूरो रिपोर्टः 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर प्रत्याशियो के नामो पर रसा- कसी का माहौल बना हुआ है, भले हि कुछ सीटो पर यूपी में समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशियो के नाम का ऐलान कर दिया हो, लेकिन अधिकतर सीटो पर न तो विपक्ष ने प्रत्शियों के नाम की घोषणा की है, ओर नही भाजपा ने प्रत्याशी घोषित किए।
Lok Sabha Elections से पहले गाजीपुर सीट पर सपा-बसपा में फंसा पेच
लेकिन आज इस रिपोर्ट में हम सियासी बाजार में चल रही चर्चा के आधार पर आपको यूपी की वीआईपी लोकसभा सीट(Lok Sabha Elections) गाजीपुर से संभावित प्रत्याशियो के नाम बताने जा रहे है, लेकिन उससे पहले आपको गाजीपुर लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) का राजनीतिक इतिहास क्या कहता है, वो आपको बताते है।
बता दे कि गाजीपुर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का एक जिला है। जहां अंग्रेजों के काल में गाजीपुर में 1820 में दुनिया के सबसे बड़े अफीम का कारखाना स्थापित किया गया था। गाजीपुर शहर अपने हथकरघा और इत्र उद्योग के लिए प्रसिद्ध हैं। गाजीपुर के पश्चिम में वाराणसी, उत्तर में मऊ, पूर्व में बलिया, पश्चिमोत्तर में जौनपुर और दक्षिण में चंदौली जिला स्थित है।
दो चीजें जो गाजीपुर को देश के दूसरे इलाकों से अलग बनाती है, वो है- लार्ड कार्नवालिस का मकबरा और अफीम की फैक्ट्री। यहां सैदपुर के मार्कंडेय महादेव मंदिर को लेकर पूरे देश में मान्यताएं हैं।बता दे कि गाजीपुर लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था। कांग्रेस के हर प्रसाद सिंह यहां से सांसद चुने गए थे। अगले लोकसभा चुनाव में उनकी सीट बरकरार रही। 1962 में कांग्रेस के ही वीएस गहमरी ने सीट जीती।
अगले चुनाव (Lok Sabha Elections) में यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई। 1967 और 1971 में लगातार दो बार भाकपा के सरजू पांडे सांसद चुने गए। इमरजेंसी के बाद हुए 1977 के चुनाव में यह सीट जनता पार्टी के पास चली गई। जनता पार्टी के गौरी शंकर राय सांसद चुने गए। 1980 में कांग्रेस ने वापसी की और उसके प्रत्याशी जैनुल बशर सांसद बने। 1984 में जैनुल बशर दोबारा सांसद चुने गए।1989 में निर्देलीय प्रत्याशी जगदीश कुशवाहा ने सीट जीती। 1991 में भाकपा के विश्वनाथ शास्त्री ने सीट जीती।
1996 भाजपा के मनोज सिन्हा पहली बार सांसद बने। 1998 में सपा के ओमप्रकाश सिंह और 1999 में दोबारा भाजपा के मनोज सिन्हा सांसद चुने गए। 2004 में सपा के टिकट पर अफजाल अंसारी सांसद बने। 2009 में सपा ने राधे मोहन सिंह को मैदान में उतारा और वह सांसद बने, 2014 के चुनाव (Lok Sabha Elections) में भाजपा के मनोज सिन्हा सांसद चुने गए थे। 2019 में बसपा के टिकट पर अफजाल अंसारी मैदान में उतरे और जीत हासिल की. अब बसपा के अफजाल अंसारी वर्तमान में यहां से सांसद है।
बता दे कि गाजीपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 75वें नंबर की सीट है, इस संसदीय सीट में यूपी विधानसभा की पांच सीटें आती है, जिसमें जखनिया विधानसभा, जंगीपुर, सैदपुर, जमानिया और गाजीपुर विधानसभा शामिल है। 2011 की जनगणना के मुताबिक गाजीपुर में 5,46,664 परिवार हैं। यहां की कुल आबादी 36,20,268 लाख है जिनमें पुरुषों की सख्या 18 लाख 55 हजार 75 और महिलाओं की सख्या 17 लाख 65 हजार 193 है।
ये तो हुई गाजीपुर लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) के राजनीतिक समीकरण की बात, अब एक नजर इस सीट पर 2024 में होने वाले संभावित प्रत्याशियों पर डालते है। बता दे कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के गठबंधन से अफजाल अंसारी चुनाव जीते थे, और इस बार फिर से चर्चा है, कि अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव (Lok Sabha Elections) लड सकते है। वही सपा से दूसरे नाम की चर्चा ओम प्रकाश सिंह को लेकर हो रही है।
बता दे कि भाजपा की ओर से मनोज सिंहा का नाम फिर से चर्चाओं में है, हालांकि इस सीट पर ओम प्रकाश की पार्टी सुभासपा अपनी दावेदारी को मजबूती से भाजपा के सामने पेश कर रही है, ऐसे में माना जा रहा है कि ये सीट एनडीए गठबंधन में सुभासपा के खाते में भी जा सकती है, अगर ऐसा हुआ तो ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर इस सीट पर प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं। वही जिस तरह से विपक्षी गठबंधन में खटपट की खबरे चर्चाओ में है।
इसको देखते हुए काग्रेंस भी अपनी तैयारियो में लगी हुई है, काग्रेंस की ओर से पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ मारकण्डे सिंह, पूर्व विधायक अमिताभ अनिल दुबे व मकसूद खान भी चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी में है,। ऐसे में बसपा की ओर से राजकुमार गौतम के नाम की भी चर्चा जोरो पर है,हांलाकि सभी राजनीतिक पार्टी गाजीपुर सीट पर फूकफूक कर कदम रखना चाहती है, इस लिए इन प्रत्याशियो में से किसके नाम पर फाइनल मुहर लगेगी ये देखना अभी दिलचप्स होगा।