ब्यूरो रिपोर्ट: आलू, चना, गेहूं, जौ, मसूर, मटर, अलसी व सरसों रबी की फसलें हैं। इस मौसम में कई हरी सब्जियों के साथ-साथ किसान(kisan) फलो की खेती भी करते है। इस दिनों उगाई गई फसलों को सिंचाई के लिए पानी की सीमित जरूरत होती है। किसानों(kisan) ऐसे में बुवाई से खेतों में भारी बारिश से फसल को नुकसान पहुंच सकता है। रबी फसलों की बुवाई के लिए खेत तैयार किए जा रहे हैं। कई जगह पर बुवाई की शुरुआत हो गई है। इस साल समय से पहले पक जाने के चलते गेहूं के उत्पादन में अधिक गिरावट दर्ज की गई थी।
ऐसे में सरकार और किसान(kisan) दोनों रबी के इस बार के सीजन में गेहूं की फसल से अधिक पैदावार की उम्मीद लगाए हुए हैं। कई राज्यों में मौसम बेईमान होता नजर दिख रहा है बारिश के कारण दक्षिणी ओडिशा के जिलों में धान को भारी नुकसान हुआ है। मिचौंग 5 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट पर नेल्लोर और मछली पट्टनम के बीच बापटला के करीब टकराया है। जबकि 6 दिसंबर को ये तूफान कम हो गया, पर इस दौरान हुई बारिश से राज्य में किसानों को कई हजार एकड़ फसल खराब हो गई। कृषि अधिकारियों का अनुमान ये है कि पिछले महीने 25,603 एकड़ क्षेत्र में धान खराब हो गई थी।
kisan की बढ़ी टेंशन
मौसम विभाग ने चक्रवात मिचौंग के कम होने के बाद भी तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तामिलनाडु में हल्की बारिश की आशंका जाहिर की है। इस दौरान इन राज्यों में रबी की फसलों की बुवाई पर काफी अधिक असर पड़ सकता है। मौसम विभाग ने महाराष्ट्र बिहार, बंगाल और झारखंड में भी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। महाराष्ट्र के नागपुर जिले में खेतों में किसानों को कीटनाशकों और उर्वरकों के छिड़काव से बचने की सलाह दी गई है।
नागपुर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक- गुरुवार तक जिले के अलग-अलग स्थानों में बहुत हल्की बारिश और बुधवार को कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।मौसम विभाग ने नागपुर समेत आसपास के जिलों में अगले पांच दिनों तक मुख्य रूप से बादल छाए रहने की आशंका जताई है विभाग की तरफ से किसानों(kisan) को परिपक्व धान की कटाई जारी रखने की सलाह दी है।
मसूर, अलसी, गेहूं, जौ, चना, मटर, आलू व सरसों रबी की फसलें हैं। मौसम विभाग की इस अलर्ट से किसानों(kisan) की चिंताएं अधिक बढ़ गई है। हालांकि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में आसमान साफ है लेकिन मौसम का मिजाज बदलते हुए ज्यादा देर नहीं लगती है। अगर ऐसा हुआ तो फसल की उपज प्रभावित होगी