ब्यूरो रिपोर्टः भारतीय सेना (Indian Army) में शामिल की जाएगी के-9 वज्र तोपों की एक और खेप। भारत की रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, रक्षा मंत्रालय ने एलएंडटी (Larsen & Toubro) के साथ 7628 करोड़ रुपये का एक समझौता किया है, यह डील भारतीय सेना की तोपखाने क्षमता को और मजबूत करेगी और भविष्य के युद्ध परिदृश्यों के लिए सेना को उच्च तकनीकी क्षमता प्रदान करेगी।
Indian Army में शामिल के-9 वज्र तोप
भारतीय सेना (Indian Army) में के-9 वज्र तोप एक अत्याधुनिक स्व-चालित हाउत्जर है, जिसे कोरियाई टेक्नोलॉजी के आधार पर विकसित किया गया है। इसे भारत में एलएंडटी द्वारा निर्माण किया जा रहा है। यह तोप अत्यधिक सटीकता और ताकत प्रदान करने के साथ-साथ बेहद गतिशील और आसानी से परिवर्तित की जा सकती है, जो इसे युद्ध भूमि में अत्यंत प्रभावी बनाता है। के-9 वज्र तोप की खासियत यह है कि यह बहुत तेज़ी से गोली दाग सकती है और इसकी फायरिंग रेंज भी बहुत लंबी होती है। इसमें एकीकृत ऑटोमेटेड लोडिंग सिस्टम और गैस-ऑपरेटेड गन जैसी सुविधाएं भी हैं, जिससे इसकी फायरिंग क्षमता में इजाफा हुआ है।
रक्षा मंत्रालय और एलएंडटी के बीच हुए इस 7628 करोड़ रुपये के समझौते से भारतीय सेना (Indian Army) को 100 के-9 वज्र तोप प्राप्त होंगी। इन तोपों के शामिल होने से सेना की युद्ध क्षमताओं में महत्वपूर्ण सुधार होगा, खासकर गोलीबारी और नौसैनिक संचालन के मामलों में। यह समझौता भारतीय सेना को अत्याधुनिक तोपखाना हथियारों के साथ तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह समझौता देश में आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम बढ़ाता है, क्योंकि इन तोपों का निर्माण मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है। इससे न केवल भारतीय सेना को अत्याधुनिक हथियार मिलेंगे, बल्कि देश में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भी एक बड़ा कदम उठाया जाएगा।
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भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत को बढ़ाने के लिए किए गए इस समझौते से यह साफ है कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारत लगातार मजबूत कदम उठा रहा है। एलएंडटी के साथ हुआ यह समझौता भारतीय सेना के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा, जो उसे भविष्य के युद्धों के लिए बेहतर तैयार बनाएगा। के-9 वज्र तोप भारतीय सेना की युद्ध क्षमता को और भी प्रभावी बनाने में सहायक साबित होगी, और भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।