ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर चुनावी द्वंद शुरू हो चुका है। मतदान की तिथि जैसे नजदीक आ रही है। मतदाताओं को साधने की आजमाइश भी तेज हो गई है। राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) के सामने क्षेत्र के जाट और गुर्जर मतदाताओं को साधने की चुनौती है। इसी के मद्देनजर वह क्षेत्र में कई जनसभाएं करेंगे। उपचुनाव को लेकर प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) भी अब मैदान में उतरने वाले हैं। जयंत चौधरी 6 नवंबर को जाट और गुर्जर बेल्ट में चार जनसभा करेंगे।
Jayant Chaudhary कल मीरापुर दौरे पर रहेंगे
छह नवंबर को वह बेलड़ा और धीराहेड़ी गांव के मध्य जनसभा कर लोगों को संबोधित करेंगे। इसके बाद दूसरी जनसभा भोकरहैड़ी में होगी। भोकरहैडी को मीरापुर विधानसभा क्षेत्र का सियासी केंद्र माना जाता है। गुर्जर समाज की बहुलता वाले क्षेत्र जड़वड़ में भी जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) की सभा करने की तैयारी है। मीरपुर सीट पर विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के बाद कई रालोद नेता टिकट की लाइन में थे। लेकिन मिथिलेश को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद वह मायूस हो गए।
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जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) की रणनीति पार्टी के मायूस नेताओं को मनाने और उससे जुड़े वोट बैंक को साधने की है। यही कारण है कि वह सबसे पहले मैदान में उतरकर पार्टी प्रत्याशी के हक में वोट मांगते नजर आएंगे। बता दे कि कभी मोरना के नाम से जाने जाने वाली मीरपुर सीट पर 1967 के बाद से अब तक 16 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 1967 में इस सीट पर कांग्रेस से राजेंद्र दत्त त्यागी, 1969 में बीकेडी से धर्मवीर त्यागी, 1974 में कांग्रेस से नारायण सिंह और 1977 में भी नारायण सिंह ही विधायक बने थे। लेकिन तब उन्होंने जनता पार्टी से चुनाव लड़ा था।