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खाप थांबेदार ने Jayant Chaudhary को दी नसीहत’ कुर्सी छोड़ किसानो के बीच आए’

खाप थांबेदार ने Jayant Chaudhary को दी नसीहत' कुर्सी छोड़ किसानो के बीच आए'

ब्यूरो रिपोर्ट; उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में गठवाला खाप के थांबेदार ने राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) को नसीहत दी है कि अगर वह किसानो के सच्चे हितैषी है तो वह कुर्सी को छोड़कर किसानो के बीच आए और किसानो के मुद्दो पर बात करे। खाप थांबेदार की इस नसीहत से लग रहा है कि जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) के प्रति किसानो में नाराजगी बढ़ रही है। दरअसल आपको बता दे कि पूरा मामला जनपद शामली का है। जहा बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर सैकड़ों की सख्या में किसान रात दिन शुगर मिल में धरना प्रदर्शन कर रहे है। जहा किसानो के साथ जिला प्रशासन और मिल मालिकों द्वारा लगातार की जा रही वादाखिलाफी के कारण किसान आत्मदाह करने का मन बना चुके थे।जहा ट्रैक्टर ट्राली में आत्मदाह करने के लिए उफले भी शुगर मिल में लाए गए थे।

खाप थांबेदार ने Jayant Chaudhary को दी नसीहत' कुर्सी छोड़ किसानो के बीच आए'

खाप थांबेदार ने (Jayant Chaudhary)को दी नसीहत

 

लेकिन खाप थांबेदार की सूझबूझ के कारण किसानो के इस फैसले को रद्द कराया गया। किसानो की दुर्दशा देख खाप थांबेदार का भी मन भर आया और बेबस किसानो की आह देखकर खाप थंबेदार ने प्रशासन, सरकार और शुगर मिल अधिकारियो को जमकर घेरा। इस दौरान उन्होंने आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) को भी नसीहत दे डाली और उन्होंने कहा की अगर जयंत चौधरी किसानो के सच्चे हितैषी है तो वह कुर्सी का मोह छोड़कर किसानो के बीच आए और किसानो के हक की बात करे,अगर बात करे तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय लोकदल का गढ़ माना जाता है। दरअसल बता दे की बीते 21 सितंबर को जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) शामली जनपद के दौरे पर थे और इस दौरान उन्होंने शामली जनपद के लोगो द्वारा दिए गए शिकायती पत्रों के अंबार को देखकर खुले मंच से कहा था। 

 

खाप थांबेदार ने Jayant Chaudhary को दी नसीहत' कुर्सी छोड़ किसानो के बीच आए'

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कि उनसे सब काम नही होंगे और उन्होंने इस बात की लाचारी भी जाहिर की थी कि वह अब विपक्ष की भूमिका में नही है। क्योकी विपक्ष की भूमिका एक अलग होती है और जब आप सत्ता पक्ष में होते हो तो आपकी कुछ लक्ष्मणरेखा भी होती है साथ ही यह भी कहा था कि अब मैं इस प्रकार से आजाद नही हू जैसे पहले था। मेरा समय अब अपना समय नहीं है। मेरा समय पहले सौ प्रतिशत कार्यकर्ताओं की सुनवाई और पार्टी के विस्तार के लिए था। आपको बता दे कि जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) द्वारा दिए गए इस बयान को लेकर किसानो में भारी आक्रोश है और यह आक्रोश बकाया गन्ना भुगतान को लेकर शुगर मिल में बैठे किसानो में देखा जा सकता है।

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