ब्यूरो रिपोर्टः देश में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनितिक दल अपनी रणनीति पर इन दिनों काम कर रहे हैं। 5 राज्यों के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा- सपा कांग्रेस रालोद तमाम या अन्य सभी राजनितिक दलों ने अपनी -अपनी बैठक करने की तैयारी शुरू कर दी हैं। लेकिन आज बात करेंगे भाजपा की उस रणनीति की जो यूपी को लेकर भाजपा तैयार कर रही हैं। इसी तैयारी की वजह से ओमप्रकाश राजभर दारा सिंह चौहान जैसे नेताओ का मंत्रिमंडल में शामिल अटका हुआ हैं। क्योकि आम चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी यूपी में संगठन से लेकर सरकार तक बड़े बदलाव की तैयारी में है। बीजेपी अभी यूपी में वेट एंड वॉच की रणनीति पर काम कर रही है।
सूत्रों की माने तो पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद यूपी के प्रभारी के नाम का ऐलान भी किया जा सकता है। हालांकि बीजेपी के बड़े नेता का ये भी कहना हैं कि यूपी में अभी संगठन और सरकार में बदलाव होने की उम्मीद कम है। सारी लीडरशिप अभा पांच चुनावी राज्यों में लगी है। तीन दिसंबर को चुनावी नतीजे आने के बाद ही यूपी में आगे की रणनीति तय की जाएगी। जबकि बीजेपी आलाकमान लगातर यूपी की बीजेपी ईकाई के सम्पर्क में है। दरअसल भाजपा ये देखना चाहती है कि विपक्ष जो मुद्दे इन राज्यों में उठा रहा है उसका कितना असर दिखाई देता है। खबर तो ये भी हैं की बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बीजेपी की यूपी इकाई से यूपी में राजभर और नोनिया समाज को लेकर एक रिपोर्ट भेजने को कहा है।
यह रिपोर्ट खासतौर से पूर्वांचल के जिलों से जुड़ी होगी, जहां ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान का अपनी जातियों में प्रभाव का दावा किया जाता है। बीजेपी इस बार इन दोनों नेताओं को पार्टी में बड़ा पद देने से पहले कोई कदम जल्दबाजी में नहीं लेना चाहती है। बीजेपी चाहती है कि पूर्वांचल की राजनीतिक परिस्थितियों का आंकलन करने के बाद ही मंत्रिमंडल में विस्तार और संगठन में बदलाव को लेकर कोई कदम उठाया जाए तो बेहतर होगा। बीजपी के सूत्रों की माने तो किसी भी तरह के बदलाव से पहले पार्टी पूरी तरह से सांगठनिक ढांचे पर फोकस कर रही है।
मोर्चा से लेकर बूथ लेवल तक की कमेटियो को मजबूत करने की प्रक्रिया चल रही है। इस बीच दावा है कि यूपी बीजेपी के इंचार्ज राधा मोहन सिंह के विकल्प के नाम पर भी आलाकमान जल्द की कोई फैसला ले सकता है। सूत्रों का दावा यहां तक है कि बीजेपीआलाकमान ओबीसी राजनीति के तहत गुजरात के ओबीसी लीडर नीतिन पटेल को यूपी का इंचार्ज बना सकती है। हालांकि दावा तो ये भी हैं की बीजेपी चुनावी राज्यों में जातीय जनगणना की थाह लेना चाहती है। वह यह देखना चाहती है कि इन चुनावी राज्यों में जातीय जनगणना के मुद्दे, जिसको विपक्ष लगातार उठा रहा है।
उसपर जनता का क्या रिस्पांस आता है। नतीजों के माध्यम से जनता का मूड भांपने के बाद ही बीजेपी यूपी में अहम बदलाव करेगी ताकि 2024 के आम चुनाव में उसका लाभ मिल सके। इसका मतलब ये भी हैं कि यूपी में बीजेपी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने को आतुर ओम प्रकाश राजभर और पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। राजभर लगातार इस तरह के बयान दे रहे हैं कि वो बीजेपी पर दबाव बना सकें। राजभर ने कहा था कि विपक्ष के कई नेता उनके सम्पर्क में हैं, जिन बयानों को भाजपा हल्के में लेने के मुड़ में कतई नहीं हैं।
ऐसे में भाजपा की रणनीति 2024 में उनके कितने काम आएगी, ये तो भविष्य के गर्भ हैं। लेकिन इतना जरूर हैं की भाजपा यूपी में सपा-रालोद-कांग्रेस के अलग हटकर प्लान बन रही हैं।