ब्यूरो रिपोर्टः इंडिया गठबंधन ( india alliance )- 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन ( india alliance ) टूट के कगार पर पहुंच गया है। बता दे कि सपा ने कांग्रेस को जो 17 सीटें प्रस्तावित की थीं, उनमें से वाराणसी में अपना प्रत्याशी उतार दिया है, जबकि, अमरोहा व बागपत में प्रभारी देकर ‘एकला चलो’ के अपने इरादे साफ जाहिर कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों के बीच सोमवार देर रात भी सीटों पर वार्ता हुई। कांग्रेस मुरादाबाद, बिजनौर और बलिया की सीट चाहती थी।’
india alliance टूट के कगार पर
लेकिन समाजवादी ये सीटें देने को तैयार नहीं है। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने राहुल गांधी की न्याय यात्रा का निमंत्रण तो स्वीकार किया, पर अपनी घोषणा के अनुसार वह रायबरेली या अमेठी में इस यात्रा में शामिल नहीं हुए। अखिलेश ने सोमवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि इंडिया गठबंधन ( india alliance ) में सीटों का बंटवारा फाइनल होने से पहले वे इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे। इसके साथ ही उन 17 सीटों की सूची भी कांग्रेस नेतृत्व को भेज दी गई थी, जो सीटें बकौल सपा, कांग्रेस ने मांगी थीं।
सूत्रों का कहना है कि सपा नेतृत्व ने मंगलवार को बातचीत में शामिल दिल्ली के कांग्रेस नेताओं को यह संदेश भिजवा दिया कि सपा को जो सीटें देनी थीं, दे दी गई हैं। अब फैसला कांग्रेस का है कि गठबंधन (india alliance) करना है या नहीं। बताते हैं कि मंगलवार की शाम तक कांग्रेस की ओर से इसके सिवाय कोई जवाब नहीं आया कि हमारी बातचीत जारी है। इसके बाद सपा ने अपनी पांच प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी की, जिसमें वाराणसी भी शामिल है।
आम तौर पर सपा जिन नेताओं को लोकसभा क्षेत्र प्रभारी नामित करती है, उन्हें ही बाद में अपना प्रत्याशी घोषित कर देती है। अमरोहा व बागपत सीटें भी कांग्रेस के लिए प्रस्तावित की गई थीं, लेकिन सपा ने बागपत में अपने पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी को प्रभारी नामित कर दिया। सपा ने अपने पांच लोकसभा प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर दी है। बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की जगह पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा गया है।
कांग्रेस को दी वाराणसी सीट पर भी सपा ने पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल को टिकट दे दिया है। पूर्व सांसद सलीम शेरवानी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी ने यूपी की बदायूं में अपनी रणनीति को बदलते हुए अनुभवी नेता शिवपाल सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है।