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इन दो राज्यों में stubble जलाने की घटनाएं हुईं कम, चुनौती बरकरार…

इन दो राज्यों में stubble जलाने की घटनाएं हुईं कम, चुनौती बरकरार...

ब्यूरो रिपोर्टः पराली (stubble) जलाने से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का असर दिख रहा है। उत्तर भारत के कुछ राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में इस साल कमी आई है। हालांकि कुछ राज्यों में अभी भी पराली जलाने के मामले बढ़े हैं। इस लेख में हम पराली जलाने की समस्या इसके कारणों और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा करेंगे। बता दे कि आश्चर्यजनक रूप से इस वर्ष उत्तर भारत के दो राज्यों में पराली (stubble) जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। लेकिन इन घटनाओं में चार राज्यों में वृद्धि दर्ज की गई है।

 

stubble जलाने की घटनाएं हुईं कम

 

इन दो राज्यों में stubble जलाने की घटनाएं हुईं कम, चुनौती बरकरार...

 

अलबत्ता, कुल मिलाकर पराली (stubble) जलाने के मामलों में पहले की तुलना में कमी आई है, वहीं, पिछले साल के मुकाबले इस बार पराली जलाने के मामले 40 फीसदी कम रहे हैं। पंजाब में सबसे ज्यादा लगभग 70 फीसदी की कमी आई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों पराली जलाने के मामलों में पहले की तुलना में बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है, धान की फसल के बाद खेत को गेंहू की फसल के लिए जल्दी तैयार करने के चलते ही धान की फसल के खेतों में बचे-खुचे अवशेष को जलाने की प्रवृत्ति रही है।

 

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इन दो राज्यों में stubble जलाने की घटनाएं हुईं कम, चुनौती बरकरार...

 

बता दे कि हजारों जगहों पर लगने वाली इस आग के चलते उत्तर प्रदेश के एक बड़े हिस्से में धुआं फैल जाता है, और साथ ही साथ लोगों को भारी प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। इसलिए हर साल ही इस पर रोक लगाने के लिए तमाम कवायद की जा रही है। हरियाणा में भी पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। बता दे कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और मध्य प्रदेश में बीते पिछले साल की तुलना में पराली (stubble) जलाने के मामले बढ़े हैं। जिसे कि अगले सालों के लिए चिंता की बात कहा जा सकता है।

 

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