ब्यूरो रिपोर्टः इलाहाबाद (Allahabad) उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शेखर यादव पर विवादित भाषण के आरोपों बाद अब उनके खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की जा रही है। उच्च न्यायालय के इस वरिष्ठ न्यायाधीश जज जस्टिस शेखर ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। इसलिए विपक्ष ने उनके खिलाफ महाभियोग की तैयारी कर ली है।
Allahabad हाईकोर्ट के जज पर महाभियोग
इलाहाबाद (Allahabad) हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस शेखर यादव पर आरोप हैं कि उन्होंने न्यायिक कार्यों के दौरान अपने पद की मर्यादा का उल्लंघन किया और कुछ मामलों में पक्षपाती आचरण अपनाया। इसके अलावा, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप भी सामने आए हैं, जो न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी जज शेखर के बयान सुनकर उन पर संज्ञान लिया है।
महाभियोग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति बनाई गई है। इस समिति का उद्देश्य जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ लगाए गए आरोपों की विस्तृत जांच करना है। अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो महाभियोग का प्रस्ताव संसद में पेश किया जाएगा, और इसके बाद इलाहाबाद (Allahabad) के जस्टिस यादव को उनके पद से हटाने के लिए कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न्यायपालिका की स्वतंत्रता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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इलाहाबाद (Allahabad) के जस्टिस शेखर यादव पर महाभियोग की प्रक्रिया एक अहम कदम है, जो न्यायपालिका में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी है। इस मामले के माध्यम से यह संदेश भी जाता है कि न्यायपालिका में बैठे उच्च अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाना चाहिए, ताकि न्यायिक व्यवस्था की अखंडता बनी रहे।