ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के किसानों ने पिछले कई वर्षों से लगतार गन्ने की खेती के साथ साथ केले की फसल़ (banana crop) की भी शुरुआत की। जिससे किसानों को केले की फसल़ (banana crop) से गन्ने के मुकाबले अधिक मुनाफा देखने को मिला है।
banana crop में मिला अधिक मुनाफा
लखीमपुर खीरी में कभी चीनी उत्पादन के लिए मशहूर धौरहरा क्षेत्र में अब केले की फसल़ (banana crop) किसानों की पहली पसंद बनती जा रही है। क्योंकि गन्ने की अपेक्षा केले से किसानों को अधिक मुनाफा होता है। वहीं नकद भुगतान भी मिलता है। चीनी का कटोरा कहे जाने वाले धौरहरा क्षेत्र से अब केले की खुशबू आने लगी है। क्षेत्र के करीब 30 फीसदी किसान केले की खेती कर गन्ना किसानों से अधिक लाभ ले रहे हैं।
एडीओ एग्रीकल्चर पीतांबर सिंह ने बताया कि एक एकड़ में 1250 केले के पौधे लगाए जाते हैं। केले की फसल़ (banana crop) 15 से 20 महीने में तैयार हो जाती है। इस अवधि में किसानों को समय-समय पर खाद पानी के साथ आवश्यक दवाओं का छिड़काव करना होता है। इस फसल में किसानों की प्रति एकड़ करीब एक लाख रुपये लागत आती है। मुनाफा लगभग तीन गुना करीब तीन लाख का होता है।
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किसानों को केले की खेती के लिए उद्यान विभाग की ओर से प्रति एकड़ 30 हजार प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलते हैं। जिला उद्यान अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने बताया कि धौरहरा सहित जिले में किसानों को प्रति एकड़ अनुदान भी दिया जा रहा है। किसानों के मुताबिक केले की खेती से गन्ने के मुकाबले अधिक मुनाफा होता है।