ब्यूरो रिपोर्टः 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर यूपी मे राजनीतिक मिजाज गर्म है, तमाम राजनीतिक पार्टीयां अपना-अपना वजूद बढाने में लगे हुए है, सभी पार्टीयों का फोकस यूपी की 80 लोकसभा सीटो (Lok Sabha Elections) पर है, लेकिन आज हम जिस सीट पर चर्चा करने जा रहे है, वो सीट भाजपा-सपा के लिए महत्वपूर्ण सीटों में से एक है।
Lok Sabha Elections में घोसी में ये होगें संभावित प्रत्याशी
आज हम बात करेंगे पूर्वाचल की घोसी लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) पर इस रिपोर्ट में हम आपको बताएगे कि आखिर घोसी लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) पर किस पार्टी से कौन संभावित प्रत्याशी चुनावी मैदान में ताल ठोक सकता है,लेकिन उससे पहले आपको घोसी लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) का राजनीतिक इतिहास क्या कहता है, वो आपको बताते है।
बता दे कि घोसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पूर्वांचल के मऊ जिले का हिस्सा है। वर्तमान में मऊ और बुनाई एक दूसरे के पर्यायवाची बन चुके हैं। मऊ में बुनाई की शुरुआत मुगल सम्राट जहांगीर के काल में हुई। अगर यूं कहे की बुनाई की कला इस क्षेत्र की आबोहवा में बहती है और अब यह कला मऊ की संस्कृति का हिस्सा बन चुकी है।
तो यह गलत नही होगा, बता दे कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में हथकरघों से कपडा बनाने की शुरुआत 16वीं शताब्दी में मऊ से हुई थी, जो आगे चलकर अन्य इलाकों में फैली हुई है। घोसी संसदीय सीट क्षेत्र के दिग्गज नेता कल्पनाथ राय के नाम से भी जानी जाती है। 90 के दशक में कल्पनाथ राय पूर्वांचल के दिग्गज नेताओं में गिने जाते थे।आपको बता दे कि उन्हीं के प्रयासों का परिणाम है जिस कारण मऊ को जिले का दर्जा मिला था।
उन्होंने घोसी लोकसभा सीट से सांसद रहते हुए भी मऊ को जिला बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया और अपने मकसद में कामयाब रहे थे।बता दे कि घोसी लोकसभा सीट पर पहली बार चुनाव (Lok Sabha Elections) 1957 में हुआ था, 1957-1962 के चुनाव में काग्रेंस ने जीत हासिल की थी। 1967 से लेकर 1971 तक इस सीट पर भाकपा का कब्जा रहा, 1977 में जनता पार्टी से शिवराम राय मैदान में उतरे ओर सांसद चुने गए, 1980 में भाकपा के झारखंडे राय जीते, 1984 से लेकर 1991 तक काग्रेंस के राजकुमार राय का कब्जा रहा।
1996 में स्वतंत्र राजनीतिज्ञ से कल्पनाथ राय ओर 1998 में समता पार्टी विजय हुई, 1999 में बसपा के टिकट पर बाल कृष्ण चौहान यहा से चुने गए, 2004 में सपा से चंद्रदेव प्रसाद राजभर यहां सांसद रहे, ओर 2009 में फिर से बसपा के टिकट पर दारा सिंह चौहान ने जीत दर्ज की, 2014 में भाजपा से हरिनायारण राजभर चुने गए, ओर 2019 में बसपा के अतुल राय ने इस सीट पर चुनाव लडा ओर विजयी हुए। अब वर्तमान में बसपा के अजय राय यहां से सांसद है।
बता दे कि घोसी में विधानसभा की पांच सीटें आती है, जिसमें मधुबन विधानसभा, घोसी, मुहम्मदाबाद-गोहना, मऊ सदर और रसड़ा विधानसभा शामिल है, 2011 की जनगणना के मुताबिक घोसी लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) पर मतदाताओं की सख्या करीब 20 लाख से ज्यादा है। इसमें महिलाओं की संख्या 10 लाख 18 हजार और पुरुष मतदाताओं की संख्या 11 लाख 10 हजार है। इसमें महिलाओं की संख्या करीब 10 लाख 18 हजार और पुरुष मतदाताओं की संख्या 11 लाख 10 हजार है।
ये तो हुई घोसी लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) के राजनीतिक समीकरण की बात, अब एक नजर इस सीट पर 2024 में होने वाले संभावित प्रत्याशियों पर डालते है। बता दे कि बसपा की ओर से तीन नाम सामने आए है, जिसमें पहला नाम अतुल राय का है, जो यहां से मौजूदा सांसद है, दूसरा नाम घोसी चैयरमैन अरसद जमाल का ओर तीसरा नाम विधायक रसड़ा उमाशंकर सिंह का चर्चाओं में है, वही भाजपा की ओर से भी तीन नामों की चर्चा जोरो पर है,
जिसमें पहला नाम ए.के शर्मा का सामने आया है, दूसरा नाम डॉ सीता राय ओर तीसरा नाम पूर्व विधायक विजय राजभर का चर्चा में है, अगर सपा की ओर से संभावित प्रत्याशियो की बात करे तो, यहां भी तीन सामने आए है, जिनमें पहला नाम राजीव राय का है, दूसरा नाम राम हरि चौहान ओर तीसरा नाम पूर्व एमएलसी राम जतन राजभर का चर्चाओं में है। हालांकि इस रिपोर्ट में हमने जिन नामो की चर्चा की हैं, ये घोसी सीट पर संभावित प्रत्याशी के नाम हैं, इनमे से फाइनल मुहर किसके नाम पर लगेगी, यह देखना अभी बाकी है।