ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद (Ghaziabad) में जल संकट गहरा गया है, और जलस्तर 600 फुट से नीचे पहुँच गया है। यह स्थिति जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक जल निकासी और कम बारिश के कारण उत्पन्न हुई है। शहर में बोरवेल्स का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है, लेकिन जलस्तर के घटने से बोरवेल्स में पानी का स्तर भी बहुत कम हो गया है, जिससे कई बोरवेल्स अब काम नहीं कर रहे हैं और लोग पानी के लिए तरस रहे हैं।
Ghaziabad में पानी की समस्या
गाज़ियाबाद (Ghaziabad) और आसपास के क्षेत्रों में पानी की खपत अत्यधिक हो रही है, खासकर कृषि, उद्योग और घरेलू उपयोग के लिए। इसके कारण भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। पिछले कुछ सालों से गाज़ियाबाद में कम बारिश हो रही है, जिससे जलाशयों और जलस्रोतों का पुनर्भरण नहीं हो पा रहा है। एक बोरिंग से कई घरों में पानी की पूर्ति की जा रही है। निवासी टैंकरो से पानी खरीद रहे है। जिससे उनकी महीने की कमाई पर भारी असर पड़ रहा है। वहां के निवासियों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अपने मकान को बेचनें पर हो रहे मजबूर।
कृषि क्षेत्र भी प्रभावित हो रहा है क्योंकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो उनकी फसल उत्पादन क्षमता को प्रभावित कर रहा है। कई घरों में बोरवेल फेल हो गए हैं और लोग अब सार्वजनिक जल आपूर्ति पर निर्भर हैं, जो पर्याप्त नहीं हो रही। गाज़ियाबाद (Ghaziabad) में पानी की बचत और वर्षा जल संचयन की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
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सरकार और नागरिक दोनों को जल बचाने के उपायों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। गाज़ियाबाद (Ghaziabad) में जलस्तर की गिरावट गंभीर चिंता का विषय बन चुका है, और इसके समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन, नागरिकों और संबंधित विभागों को मिलकर काम करना होगा।