हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व विधायक Kunwar Pranav Singh Champion के बीच विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों नेताओं के बीच तनातनी इतनी गहरा गई है कि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की मध्यस्थता भी इस मामले में विफल साबित हुई है।
सुलह की कोशिश हुई नाकाम
राकेश टिकैत ने रविवार को विधायक उमेश कुमार और प्रणव सिंह चैंपियन ( Kunwar Pranav Singh Champion की पत्नी देवयानी से अलग-अलग मुलाकात की थी। इस बैठक का उद्देश्य दोनों नेताओं के बीच बढ़ रहे विवाद को समाप्त करना था। हालांकि, प्रणव सिंह चैंपियन ने इस पहल पर कड़ी आपत्ति जताई और टिकैत के हस्तक्षेप को अनावश्यक करार दिया।
Kunwar Pranav Singh Champion ने टिकैत पर साधा निशाना
पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन ने अपने फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट साझा कर राकेश टिकैत की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि टिकैत ने बिना पूरी जानकारी के एकतरफा बयान दिया और दोषी का समर्थन किया। चैंपियन ने यह भी उल्लेख किया कि उनके और टिकैत के पिता, महेंद्र सिंह टिकैत, के बीच अच्छे संबंध थे, लेकिन इसके बावजूद राकेश टिकैत ने पुराने संबंधों को नजरअंदाज करते हुए गलत व्यक्ति का साथ दिया।
उन्होंने टिकैत को नसीहत देते हुए कहा कि किसान और मजदूरों के हक के लिए लड़ने वाले व्यक्ति को अपराधियों और चोरों की वकालत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने यह भी पूछा कि आखिर टिकैत को इस विवाद में हस्तक्षेप करने की जरूरत क्यों पड़ी और वे उनके खिलाफ बयानबाजी क्यों कर रहे हैं।
लोकप्रियता की राजनीति का आरोप
Kunwar Pranav Singh Champion ने यह भी आरोप लगाया कि राकेश टिकैत शायद अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए इस विवाद में कूदे हैं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर उन्हें एक धोखेबाज व्यक्ति से मिलवाने की जरूरत क्यों पड़ी। चैंपियन ने टिकैत की बैठक को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि उन्हें इस विवाद से दूर रहना चाहिए।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
यह विवाद नगर निकाय चुनाव के बाद शुरू हुआ जब सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी हुई। मामला इतना बढ़ गया कि 26 जनवरी की शाम को प्रणव सिंह चैंपियन ( Kunwar Pranav Singh Champion) अपने समर्थकों के साथ विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पहुंचे और वहां कई राउंड फायरिंग की। इस घटना के बाद पुलिस ने देहरादून से Kunwar Pranav Singh Champion को गिरफ्तार कर लिया और फिलहाल वे जेल में हैं।
दूसरी ओर, चैंपियन की पत्नी देवयानी ने विधायक उमेश कुमार पर 25 जनवरी को उनके घर में घुसकर धमकी देने का आरोप लगाया था। इस मामले में उमेश कुमार को कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
विवाद का भविष्य क्या?
राकेश टिकैत ने इस विवाद को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन प्रणव सिंह चैंपियन ( Kunwar Pranav Singh Champion) को यह पहल पसंद नहीं आई। उन्होंने टिकैत के हस्तक्षेप को गैरजरूरी बताते हुए उनसे इस मामले से दूर रहने की अपील की।
फिलहाल, दोनों पक्ष अपनी-अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कोई और नेता मध्यस्थता कर इस विवाद को शांत कर सकता है, या फिर यह मामला और तूल पकड़ेगा। उत्तराखंड की राजनीति में इस विवाद ने हलचल मचा दी है, और आगे क्या मोड़ आता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।