ब्यूरो रिपोर्टः दिल्ली की आबकारी नीति और धन शोधन से जुड़े अहम मामले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को जमानत दे दी है। दो जजों की पीठ आज दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया। सर्वोच्च न्यायालय ने उन पर शर्त लगाते हुए निर्देश दिया कि वे अपना पासपोर्ट जमा कर दें। उन्हें हर सोमवार को थाने में गवाही देनी होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) से कहा कि वे गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें।
पूर्व उपमुख्यमंत्री Manish Sisodia को कोर्ट से राहत
कोर्ट ने उन्हें सचिवालय जाने की इजाजत दी है। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के बाद छह अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने आगे कहा कि मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) हिरासत में 17 महीनो से हैं, और अभी तक मुकदमा शुरू नहीं हुआ है, जिससे उन्हें त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। जमानत मांगने के लिए इन मामलों में उन्हें ट्रायल कोर्ट में भेजना न्याय का मखौल उड़ाना होगा।
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कोर्ट ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट यह स्वीकार करें कि जमानत का सिद्धांत एक नियम है, और जेल एक अपवाद है। दरअसल इसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया है, कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के 2 जमानतदारों की जमानत पर रिहा किया जाए।