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Farmers Protest : अभी शंभू बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे किसान; Supreme Court ने कहा-एक्सपर्ट्स की स्वतंत्र कमेटी बनाए सरकार

Farmers Protest : अभी शंभू बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे किसान; Supreme Court ने कहा-एक्सपर्ट्स की स्वतंत्र कमेटी बनाए सरकार

नई दिल्ली : Farmers Protest को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत से बुधवार को फैसला आया है कि हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर स्थित शंभू में हालात जस के तस बने रहेें। इसी के साथ सरकार एक निष्पक्ष कमेटी का गठन करे। इसमें राज्य सरकार और कृषि विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाना चाहिए। इस कमेटी के लिए हरियाणा और पंजाब से नाम मांगने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की है।

10 फरवरी से जाम है शंभू बॉर्डर

गौरतलब है कि 10 फरवरी को हरियाणा सरकार ने पंजाब बॉर्डर पर बैरिकेडिंग और सुरक्षा के दूसरे इंतजाम करके पंजाब की तरफ से दिल्ली के लिए निकले किसान संगठनों को रोक लिया था। इसके बाद अपनी मांगों को लेकर देश की सरकार से नाराज किसान शंभू में ही धरना लगाकर बैठ गए। इसके चलते न सिर्फ दोनों राज्यों के बीच आवागमन करने वाले हजारों लोगों को, बल्कि अंबाला के स्थानीय कारोबारियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाईवे को खाली कराने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई तो इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 10 जुलाई को हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के लिए 17 जुलाई तक की मोहलत दी थी। इसी बीच हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे डाली।

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सॉलिसिटर जनरल ने बताया-ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को टैंक बना चुके हैं किसान

सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली जाने के लिए तैयार किसान बॉर्डर पर लगभग 600 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और जेसीबी के साथ डटे हुए हैं। यह तनाव पैदा करने वाली गतिविधि है। किसानों को दिल्ली जाना है तो जाएं, लेकिन मोटर व्हीकल एक्ट इन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और जेसीबी को हाईवे पर चलाने की परमिशन नहीं देता, क्योंकि इन्हें एक टैंक की तरह मॉडिफाई किया हुआ है। सोए हुए को जगाना आम बात है, लेकिन जो पहले ही जागा हुआ है, उसे कौन जगाएगा।

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कोर्ट ने दिए ये निर्देश

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से किसानों के बात करके रास्ता निकालने को कहा। कोर्ट ने कहा कि किसानों के साथ बात करके और दूसरे सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे का हल निकालने वाली एक कमेटी बनाई जाएगी, इसके लिए हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों की सरकारें योग्य व्यक्तियों के नाम सुझाएं। इसके अलावा जब तक कोई हल नहीं निकल जाता, तब तक हालात ज्यों के त्यों बने रहने चाहिए। शंभू बॉर्डर को फिलहाल नहीं खोला जाए।

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