ब्यूरो रिपोर्ट.. Electricity Bill : बस्ती जिले के रमया गांव में रहने वाले मोलहु नामक एक गरीब किसान के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसने न केवल उन्हें बल्कि उनके पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया। मोलहु ने 2014 में अपने घर के लिए सिर्फ एक किलोवाट का बिजली कनेक्शन लिया था, जिससे केवल पंखा और बल्ब चलता था। वे उम्मीद करते थे कि उनका बिजली बिल हर महीने थोड़ा बहुत आएगा, लेकिन दिसंबर 2024 में उन्हें 75,000 रुपये का बकाया बिल मिला, जो पहले के मुकाबले कुछ ज्यादा था।
मोलहु और उनका परिवार इस बिल (Electricity Bill) को लेकर काफी चिंतित थे, लेकिन अगले महीने जब उन्हें एक नया बिल मिला, तो उनकी आँखों के सामने अंधेरा छा गया। इस बार बिल की रकम 7.33 करोड़ रुपये थी। मोलहु ने यह बिल देखा तो उनका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उनका कहना था कि, “इतना बड़ा बिल देख कर मुझे तो हार्ट अटैक आ गया था। हमारी पूरी प्रॉपर्टी बिक जाए, तो भी यह बिल नहीं चुका सकते।” मोलहु का कहना था कि वह एक गरीब किसान हैं, और इस बिल को चुकता करने के लिए उनके पास कोई रास्ता नहीं था। Electricity Bill
Electricity Bill से किसान परिवार की मुश्किलें बढ़ीं
मोलहु के बेटे ने बताया कि जब बिजली विभाग के कर्मचारी उनके घर आए और बिल चेक किया, तो उन्हें बताया गया कि उनका बकाया बिल (Electricity Bill) 7.33 करोड़ रुपये है। इस खबर ने मोलहु के पूरे परिवार को हिला दिया। पहले 75,000 रुपये का बकाया था, और एक महीने के अंदर अचानक करोड़ों का बिल कैसे आ गया, यह समझ से बाहर था। मोलहु की पत्नी को जब इस बारे में पता चला, तो उनकी तबियत भी बिगड़ गई।
बिजली विभाग की लापरवाही
मोलहु और उनके परिवार ने तुरंत शिकायत दर्ज कराई, लेकिन बिजली विभाग की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं आया। मोलहु ने कहा कि उनका घर सिर्फ एक किलोवाट का कनेक्शन है, और इस पर पंखा और बल्ब ही जलते हैं, फिर भी इतनी बड़ी रकम का बिल आना समझ से बाहर है। उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी पूरी ज़मीन और संपत्ति भी बेच दें, तो भी इस बिल (Electricity Bill) को चुकता नहीं कर सकते।
अधीक्षण अभियंता का बयान
इस मामले में अधीक्षण अभियंता ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है और हरैया के एक्सईएन को मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस बिल को जल्द ही सही किया जाएगा।
यह घटना बस्ती जिले में बिजली विभाग की लापरवाही को उजागर करती है। एक गरीब किसान, जो केवल अपने परिवार की देखभाल करने के लिए काम करता है, उसे ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इस मामले ने यह सवाल उठाया है कि क्या विभाग को उपभोक्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए, और क्या उनकी जांच प्रक्रिया में कोई सुधार की आवश्यकता है। इस प्रकार के मामलों से यह भी स्पष्ट होता है कि बिजली विभाग को उपभोक्ताओं के बिलों में किसी भी प्रकार की गलती होने पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करनी चाहिए।