नई दिल्ली: Delhi Liquor Scam में आरोपों से घिरने के बाद जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। केजरीवाल की अंतरिम जमानत की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। हालांकि यह अलग बात है कि जमानत मिने के बावजूद केजरीवाल अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। उधर, अब इस मामले की सुनवाई तीन जजों की बैंच करेगी। इसके गठन के लिए मौजूदा ट्रायल न्यायपीठ ने मामले को सीजेआई को भेजा है।
38 आरोपियों में 37वां नंबर है केजरीवाल का
बता दें कि कुछ दिन पहले दिल्ली में कथित शराब घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चार्जशीट दाखिल की थी। ED की तरफ से आरोपी बनाए गए 38 लोगों में से 37वां नंबर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी है। इसी के साथ आखिरी नंबर पर उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) भी आरोपी है। ED की तरफ से अरविंद केजरीवाल किंगपिन बताते हुए कहा गया था उन्हें न सिर्फ गोवा चुनाव में रिश्वत के पैसे के इस्तेमाल की जानकारी थी, बल्कि वह इसमें शामिल भी थे।
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आरोप पत्र में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से अरविंद केजरीवाल और विनोद चौहान नामक एक आरोपी के व्हाट्सऐप चैट की डिटेल भी दी गई है। इस तथ्य के हिसाब से आरोप है कि के कविता के पीए ने आम आदमी पार्टी को विनोद के जरिये 25 .5 करोड़ रुपए गोवा चुनाव से पहुंचाए थे। चैट से साफ है कि विनोद चौहान के अरविंद केजरीवाल के साथ अच्छे रिश्ते थे।
शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सीजेआई को भेजा है, जिनकी मंजूरी के बाद इस मामले की सुनवाई अब तीन जजों की बैंच करेगी। हालांकि तब तक के लिए कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत भी दे दी है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि हमने चुनावी फंडिंग को लेकर भी सवाल उठाया है। ऐसे में सिर्फ पूछताछ के आधार पर गिरफ्तारी ठीक नहीं है।
अभी इसलिए नहीं आ सकते बाहर
दूसरी ओर एक और बड़ी बात यह भी सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल जाने के बाद भी अभी अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आ सकते। जहां तक इसके कारण की बात है, केजरीवाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक अलग मामले में भी गिरफ्तार कर रखा है।
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